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हरियाली तीज पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होगा अद्भुत नज़ारा, हिंडोले में विराजमान होकर देंगे कान्हा दर्शन

वृन्दावन। विशेष रिपोर्ट।
हरियाली तीज आते ही वृंदावन धाम की रौनक देखते ही बनती है। सावन के महीने की इस खास तीज पर जहां एक ओर महिलाएं शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व मनाती हैं, वहीं वृंदावन में यह दिन राधा-कृष्ण प्रेम लीला को समर्पित होता है। कहा जाता है कि बांके बिहारी जी के दरबार में हर पर्व पर अलग-अलग भोग और विशेष साज-सज्जा की परंपरा है, लेकिन हरियाली तीज की बात ही कुछ और है। इस दिन बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है और चारों ओर हरियाली का उल्लास दिखाई देता है।
विशेष हिंडोले में विराजमान होते हैं बांके बिहारी
बांके बिहारी मंदिर के अंग सेवक और पुजारी संयम गोस्वामी ने जानकारी दी कि इस बार 27 जुलाई को हरियाली तीज के दिन बांके बिहारी जी अपने गर्भगृह से बाहर आकर सोने और चांदी से बने विशेष हिंडोले में विराजमान होंगे। बिहारी जी को झूले में बैठकर दर्शन देते देखना हर भक्त का सौभाग्य होता है। मंदिर सुबह 6:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर शाम 4 बजे से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है। इस दौरान हजारों भक्त हिंडोला दर्शन करने के लिए वृंदावन पहुंचते हैं।
बांके बिहारी जी पहनते हैं खास पोशाक
हरियाली तीज पर बांके बिहारी मंदिर में सिर्फ हरे रंग का महत्व होता है। मंदिर को हरे रंग के फूलों और बैलूनों से सजाया जाता है, जो सावन की ताजगी और हरियाली का प्रतीक होते हैं। इस दिन बिहारी जी को भी हरे रंग की खास पोशाक पहनाई जाती है। यह पोशाक या तो मंदिर की हवेली से लाई जाती है या फिर दिल्ली के रतीराम से विशेष रूप से मंगाई जाती है। हरी पोशाक में सजकर बिहारी जी के दर्शन कर भक्त धन्य हो जाते हैं।
घेवर और फेनी का खास भोग
हरियाली तीज के दिन बांके बिहारी जी को खास तौर पर घेवर और फेनी का भोग अर्पित किया जाता है। संयम गोस्वामी ने बताया कि यह भोग खास सावन की मिठास को दर्शाता है।आम दिनों में बिहारी जी को रोजाना आठ भोग अर्पित होते हैं, लेकिन हरियाली तीज जैसे अवसर पर घेवर और फेनी का प्रसाद बांटना एक पुरानी परंपरा है। इसे पाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। भोग के बाद यह प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाता है।
झूला दर्शन का आनंद
हरियाली तीज पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर की छटा देखते ही बनती है। हर दिशा में हरियाली, हिंडोले में विराजमान बिहारी जी और घेवर-फेनी का प्रसाद यह सब मिलकर भक्तों को भक्ति और प्रेम के सागर में डुबो देता है। अगर आप भी वृंदावन जाने की सोच रहे हैं तो इस बार हरियाली तीज के दिन बांके बिहारी जी के हिंडोला दर्शन और घेवर-फेनी प्रसाद का सुख जरूर लें ।