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"मैं इलेक्ट्रिकल इंजीनियर था, इसलिए मुझे बम बनाने वाला बताया गया" – मुंबई ट्रेन धमाकों में बरी साजिद अंसारी का बड़ा बयान

विशेष संवाददाता। मुंबई :
मुंबई की लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में हाल ही में बरी किए गए साजिद अंसारी ने पुलिस और जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ उनके इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के चलते उन्हें इस मामले में फंसाया गया।
साजिद अंसारी, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं, ने बताया कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो पुलिस ने उनके घर से इलेक्ट्रिकल सामान बरामद किया और उसे इस तरह पेश किया जैसे वह बम बनाने का सामान हो।
"मेरे घर से जो वायर, सर्किट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान मिला, वह मेरे काम से जुड़ा था। लेकिन पुलिस ने उसे बम से जोड़ने की कोशिश की," साजिद ने एक इंटरव्यू में कहा।
17 साल जेल में गुज़ारने के बाद आया न्याय
साजिद अंसारी ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे कीमती 17 साल जेल में गुज़ार दिए, एक ऐसे अपराध के लिए जो उन्होंने किया ही नहीं।
"मुझे कई बार लगा कि मैं कभी बाहर नहीं आ पाऊंगा। मेरे माता-पिता, परिवार और करियर – सब कुछ खत्म हो गया," साजिद ने भावुक होते हुए कहा।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
साजिद का कहना है कि जैसे ही पुलिस को पता चला कि वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है, उन्होंने उसे 'बम बनाने का एक्सपर्ट' घोषित कर दिया।
"मैंने कभी कोई गलत काम नहीं किया था। लेकिन मेरी पढ़ाई ही मेरे खिलाफ इस्तेमाल की गई," उन्होंने कहा।
कोर्ट ने सबूतों के अभाव में किया बरी
साजिद अंसारी को मुंबई हाईकोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। कोर्ट ने माना कि उनके खिलाफ लाए गए साक्ष्य कमजोर और संदिग्ध थे।
"अब नई ज़िंदगी शुरू करनी है"
अब जेल से बाहर आने के बाद साजिद का कहना है कि वो फिर से जिंदगी शुरू करना चाहते हैं, लेकिन समाज और सिस्टम ने जो जख्म दिए हैं, उन्हें भरना आसान नहीं होगा।
"मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था, फिर भी मुझे आतंकवादी बना दिया गया। अब मैं चाहता हूं कि मेरी कहानी सब तक पहुंचे ताकि दोबारा किसी मासूम के साथ ऐसा न हो," उन्होंने कहा।