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'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूर्ण — संसद में होगी विशेष चर्चा, सियासी सरगर्मी तेज़
जनगाथा विशेष .
नई दिल्ली। 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद में इस ऐतिहासिक गीत पर विशेष चर्चा की शुरुआत होने जा रही है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे, जबकि राज्यसभा में इस विषय पर बहस मंगलवार से होने की संभावना है।
'वंदे मातरम' को लेकर लंबे समय से सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच मतभेद रहे हैं, ऐसे में संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस की उम्मीद जताई जा रही है।
🔹 सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस ने इस गीत के महत्वपूर्ण अंश हटा दिए थे, जबकि कांग्रेस ने इस दावे को पूरी तरह निराधार बताया है।
बीजेपी के कुछ नेता यह भी मांग कर रहे हैं कि शैक्षणिक संस्थानों में 'वंदे मातरम' का गायन अनिवार्य किया जाए, वहीं समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दल इसे "थोपने" के रूप में देख रहे हैं और अनिवार्यता का विरोध जता रहे हैं।
🔹 गीत का इतिहास
'वंदे मातरम' की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1875 में बंगाली एवं संस्कृत मिश्रित भाषा में की थी।
बाद में इसे उनकी प्रसिद्ध तथा विवादित रचना ‘आनंदमठ’ (1885) में शामिल किया गया, जहां यह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध राष्ट्रीय चेतना जगाने वाला गीत के रूप में लोकप्रिय हुआ।
🔻 मुख्य बिंदु (For Quick Readers on Web Portal)
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लोकसभा में PM मोदी करेंगे चर्चा की शुरुआत
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राज्यसभा में भी मंगलवार से बहस संभव
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BJP—कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़
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शैक्षणिक संस्थानों में अनिवार्य गायन की मांग
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विपक्षी दल बोले—जबरन थोपना उचित नहीं
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बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1875 में किया था लेखन

