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- आखिर कब स्कूलों में फिर से कर्मचारी व अध्यापकों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी ?
आखिर कब स्कूलों में फिर से कर्मचारी व अध्यापकों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी ?
कोविड के बाद बंद हुई बायोमेट्रिक हाजिरी अब तक बहाल नहीं, कई कर्मचारी लेट-लतीफी और ऑन ड्यूटी की आड़ में गायब

पहले प्रदेश के सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी जरूरी होने के चलते कर्मचारी की हाजिरी समय पर सुनिश्चित हो गई थी।
राजेंद्र मैडी। होशियारपुर । पंजाब का स्कूल शिक्षा विभाग पिछले करीब दो-तीन वर्षों से स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाना भूल गया है। पहले प्रदेश के सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी जरूरी होने के चलते कर्मचारी की हाजिरी समय पर सुनिश्चित हो गई थी। कोई भी कर्मचारी देर से आने से गुरेज करता था। क्योंकि उसे लगता था कि बायोमेट्रिक से उसकी लेट लतीफी पकड़ी जाएगी। लेकिन जब से बायोमेट्रिक हाजिरी बंद हुई है उसके बाद से कुछ कर्मचारियों ने फिर से लेट लतीफी का दामन पकड़ लिया है। शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार क्लास इंचार्ज को सुबह की प्रार्थना से पहले क्लास में बच्चों की हाजिरी लगाकर उन्हें सुबह की प्रार्थना में लेकर जाना होता है। लेकिन अब तो कुछ अध्यापक ही स्कूल में उसे समय पहुंचते हैं जब स्कूल लगने की घंटी जा तो बच चुकी होती है जा बज रही होती है। बेबस स्कूल प्रमुख चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे। बायोमेट्रिक हाजिरी ना लगने के चलते स्कूलों में ऑन ड्यूटी का रिवाज फिर से जोर पकड़ रहा है। कुछ कर्मचारी तो सप्ताह में तीन-चार दिन ड्यूटी निकल कर चले जाते हैं उन्हें पूछने वाला भी कोई नहीं है। जबकि शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूल की किसी भी तरह की डाक आदि का काम स्कूलों में रखे गए कैंपस मैनेजर द्वारा किया जाना है। लेकिन कैंपस मैनेजर को कौन पूछता है अध्यापक अपनी हाजिरी निकाल कर ऑन ड्यूटी निकल कर चले जाते हैं और दूसरे दिन जाकर आराम से अपनी आईडी लगा लेते हैं इसमें बहुत से अध्यापक तो आपस में मिले होते हैं। इससे उन अध्यापकों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है जो सरकारी नियमों की पालना करते हुए समय से पहले स्कूल आकर कक्षाओं में बच्चों की हाजिरी लगाकर उन्हें सुबह की प्रार्थना में लेकर जाते हैं। सुबह की प्रार्थना का महत्व स्कूलों में कमजोर होने लगा है कुछ अध्यापक तो सुबह की प्रार्थना में न जाना भी अपना हक समझते हैं लेकिन जिस दिन कोई अधिकारी आ जाए उसे दिन वह महाशय सबसे पहले सुबह की प्रार्थना में हाजिर हो जाते हैं और वहां पर जाकर लंबा चौड़ा भाषण दे देते हैं। पहले तो कोविड के चलते बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी बंद हुई थी लेकिन कोविड को गए हुए तो बहुत समय बीत गया लेकिन बायोमेट्रिक मशीन की वापसी स्कूलों में नहीं हुई कुछ कर्मचारी इस बात से बहुत खुश है कि मैं जब मर्जी स्कूल में आए हाजिरी बस समय से पहले की लगाएंगे क्योंकि उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है और वैसे भी इस हमाम में कितने पाक दामन है सभी जानते हैं। प्रदेश सरकार ने स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू तरीके से चलने के लिए बहुत से प्रशंसनीय काम किए हैं अगर ऐसे में छुट्टियों के बाद बायोमेट्रिक मशीन स्कूल में लगा दे तो इससे शिक्षा का स्तर और ऊंचा हो जाएगा क्योंकि सारा स्टाफ समय पास स्कूल आ जाएगा। अध्यापक की नहीं स्कूल के दूसरे कर्मचारी भी ऑन ड्यूटी होने का लुत्फ उठाने से पीछे नहीं रहते। शायद अभी तक सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं गया है नहीं तो ऐसा कोई कारण नहीं था कि स्कूलों में बायोमेट्रिक अभी तक फिर से शुरू न होती अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी की सरकार कर्मचारियों को समय पर ड्यूटी पर हाजिर करवाने के लिए बायोमेट्रिक मशीन फिर से कब लागू करती है।