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मोदी सरकार की चिंता बढ़ा सकती है लद्दाख हिंसा, सोनम वांगचुक ने लगाए आरोपों का खंडन

नेशनल डेस्क। लेह, लद्दाख:
केंद्रीय शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में बुधवार को युवाओं का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें चार लोगों की मौत और कम से कम 50 लोग घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठे शेड्यूल के तहत जनजातियों के संरक्षण को सुनिश्चित करने की थी। यह आंदोलन लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेतृत्व में चल रहा था।
कारगिल मुस्लिम बहुल इलाका है, जबकि लेह बौद्ध बहुल। संविधान के छठे शेड्यूल का संरक्षण जनजातियों के अधिकारों, उनकी पहचान और हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
एलएबी ने 10 सितंबर से अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी। इस अनशन में जाने-माने एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि बुधवार की हिंसा के बाद अनशन स्थगित कर दिया गया है और अब सरकार के साथ बातचीत जारी है।
सोनम वांगचुक ने अपने ऊपर लगे आरोपों का भी खंडन किया और कहा कि उनका आंदोलन शांति और लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा था। सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मामले में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क हैं।