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गुजरात और पंजाब उपचुनाव में 'आप' की जीत से बढ़ा केजरीवाल का सियासी आत्मविश्वास
राज्यसभा भेजने की अटकलें तेज, लेकिन केजरीवाल ने किया इनकार

लुधियाना पश्चिम से AAP उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भरत भूषण आशु को 10,000 से अधिक वोटों से शिकस्त दी, वहीं गुजरात की विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया ने भाजपा उम्मीदवार को कड़े मुकाबले में हराया। यह दोहरी सफलता उस समय आई है जब AAP दिल्ली में राजनीतिक और कानूनी दबाव का सामना कर रही है।
नई दिल्ली/अहमदाबाद/लुधियाना — आम आदमी पार्टी (AAP) ने लुधियाना पश्चिम (पंजाब) और विसावदर (गुजरात) विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इन जीतों से पार्टी को न सिर्फ संगठनात्मक बल मिला है, बल्कि दिल्ली की चुनौतियों के बीच एक नया सियासी आत्मविश्वास भी लौटा है।
लुधियाना पश्चिम से AAP उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भरत भूषण आशु को 10,000 से अधिक वोटों से शिकस्त दी, वहीं गुजरात की विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया ने भाजपा उम्मीदवार को कड़े मुकाबले में हराया। यह दोहरी सफलता उस समय आई है जब AAP दिल्ली में राजनीतिक और कानूनी दबाव का सामना कर रही है।
इन चुनावी नतीजों के बाद केजरीवाल के राज्यसभा में जाने की अटकलें तेज हो गईं। माना जा रहा था कि संजीव अरोड़ा के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह खुद केजरीवाल जा सकते हैं, लेकिन केजरीवाल ने इन कयासों पर विराम लगाते हुए साफ किया कि वो राज्यसभा नहीं जा रहे।
उन्होंने कहा, “ये जीत जनता के विश्वास और हमारी ईमानदार राजनीति का परिणाम है। राज्यसभा के लिए पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति फैसला लेगी।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये जीतें AAP को पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में मजबूत आधार देने का संकेत हैं, जबकि दिल्ली में चल रहे राजनीतिक संकट से निपटने की क्षमता भी दर्शाती हैं।
(रिपोर्ट: जनगाथा टाइम्स न्यूज़ डेस्क)