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सीएम भगवंत मान केवल वीआईपी इलाकों तक सीमित न रहें
लक्ष्मीकांता चावला का सवाल — “क्या असली अमृतसर से कोई सरोकार नहीं?”

अमृतसर: पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मीकांता चावला ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के संभावित अमृतसर दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आशंका जताई है कि मुख्यमंत्री का दौरा सिर्फ शहर के वीआईपी और अमीर इलाकों तक सीमित न रह जाए, जबकि असली अमृतसर — यानी शहर की चारदीवारी के अंदर बसे ऐतिहासिक और भीतरी इलाके — उपेक्षा के शिकार हैं।
चावला ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार को तीन साल हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक बार भी उन क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति देखने का प्रयास नहीं किया, जहां अमृतसर की आत्मा बसती है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कंपनी बाग, सिविल लाइन्स और नए अमीर मोहल्ले ही अब “अमृतसर शहर” कहलाएंगे?
स्मार्ट सिटी पर सवाल, सीवरेज और बिजली की दुर्दशा का ज़िक्र
लक्ष्मीकांता चावला ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद शहर के भीतरी इलाकों में हालात ज्यों के त्यों हैं। कई मोहल्लों में पीने के पानी में सीवरेज मिलना आम बात बन चुकी है, वहीं बिजली की जर्जर और लटकती तारें दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रचारित किए जा रहे “24x7 शुद्ध पानी” जैसे दावे ज़मीनी सच्चाई से मेल नहीं खाते।
“शहीदी स्मारकों की उपेक्षा, विधायक भी मौन”
चावला ने दुख जताया कि न तो शहर के शहीदी स्मारकों की देखरेख की ओर सरकार का ध्यान है, न सफाई व्यवस्था की ओर। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री अमृतसर आ रहे हैं, तो स्थानीय विधायक इस बारे में चुप क्यों हैं? “क्या वे अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाने को तैयार नहीं, या उन्हें असली अमृतसर से कोई सरोकार नहीं?”, चावला ने कहा।
मुख्यमंत्री से की अपील
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री 5 जुलाई को अमृतसर आ रहे हैं, तो उन्हें चाहिए कि वे सिर्फ पार्कों और विशेष इलाकों का दौरा कर वापस न लौटें, बल्कि अमृतसर के असली चेहरे से भी रूबरू हों।
📌 चावला का स्पष्ट संदेश: "अगर मुख्यमंत्री सिर्फ अमीर इलाकों के लिए आ रहे हैं, तो यह स्पष्ट कर दें कि असली अमृतसर से उनका कोई रिश्ता नहीं।"