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भारत में क्रिकेट की शुरुआत: पारसियों ने रखा था नींव का पहला पत्थर
वर्ष 1848 में पारसियों ने 'ओरिएंटल क्रिकेट क्लब' की स्थापना की

उस दौर में क्रिकेट पूरी तरह से अंग्रेजों के वर्चस्व वाला खेल था और सभी प्रतिष्ठित क्लब केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित थे।
डेस्क स्टोरी। जनगाथा। भारत में क्रिकेट की जड़ों से जुड़ी एक दिलचस्प ऐतिहासिक कहानी पारसी समुदाय से जुड़ी है, जिन्होंने इस खेल को अपनाने वाला पहला भारतीय समुदाय बनकर इतिहास रचा। वर्ष 1848 में पारसियों ने 'ओरिएंटल क्रिकेट क्लब' की स्थापना की, जो देश का पहला भारतीय क्रिकेट क्लब माना जाता है।
इस क्लब की स्थापना और संचालन में प्रमुख पारसी व्यापारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके माध्यम से उन्होंने भारतीय समाज में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक नया अध्याय शुरू किया। उस दौर में क्रिकेट पूरी तरह से अंग्रेजों के वर्चस्व वाला खेल था और सभी प्रतिष्ठित क्लब केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित थे।
हालांकि पारसी समुदाय को ब्रिटिश क्रिकेट प्रतिष्ठान से शुरुआती दौर में विरोध का भी सामना करना पड़ा। एक प्रकरण में तो सार्वजनिक पार्क में क्रिकेट खेलने के उनके प्रयासों को लेकर विवाद तक खड़ा हो गया। इसके बावजूद पारसियों ने पीछे हटने के बजाय इस खेल में अपने जुनून और लगन से रास्ता बनाया, जो आगे चलकर पूरे देश में क्रिकेट के फैलाव की नींव बना।
पारसी समुदाय की यह पहल न केवल भारतीय क्रिकेट इतिहास की पहली ईंट साबित हुई, बल्कि उन्होंने यह भी दिखाया कि अगर इच्छाशक्ति हो तो किसी भी परंपरा में बदलाव संभव है।