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सच्चा प्यार, सिनेमा से भी बड़ा: सुनील दत्त और नार्गिस का रिश्ता

फ़िल्मी डेस्क। ख़ास रिपोर्ट ।
बॉलीवुड की सबसे यादगार प्रेमकहानियों में से एक है सुनील दत्त और नार्गिस की कहानी। उनकी मुलाकात हुई थी ‘मदर इंडिया’ के सेट पर, और जैसे ही आग लगी, सुनील ने बिना किसी झिझक के नार्गिस को बचाया। यही पल उनके रिश्ते की नींव बन गया। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदली और 11 मार्च 1958 को उन्होंने चुपचाप शादी कर ली, जहां चमकते कैमरों से ज्यादा उनके दिलों की धड़कनें महत्वपूर्ण थीं।
सितारों की चमक-दमक के पीछे, उन्होंने एक ऐसा जीवन बनाया जिसमें हंसी, फुसफुसाती बातें और अपार समर्थन शामिल था। दोनों की आत्माएं इतनी संगठित थीं कि उन्होंने साबित कर दिया कि असली कहानियाँ पर्दे पर नहीं, बल्कि जिंदगी में जी जाती हैं।
उनकी प्रेम कहानी को खास बनाने वाला पहलू था परस्पर सम्मान और समझ। नार्गिस मुस्लिम परिवार से थीं, सुनील हिंदू, लेकिन उन्होंने कभी धर्म परिवर्तन की मजबूरी नहीं डाली। उन्होंने एक-दूसरे की परंपराओं को उतनी ही श्रद्धा और खुशी से अपनाया। नार्गिस उनके घर में दिवाली के दीये जलातीं, और सुनील ईद के जश्न में उनके साथ शामिल होते। उनके बच्चे ऐसे घर में बड़े हुए, जहां धर्म आदर के साथ मनाया गया, न कि जबरदस्ती।
जब नार्गिस 1981 में दुनिया से विदा हुईं, तो सुनील ने यह सुनिश्चित किया कि उनका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार हो। यह उनकी परस्पर समझ और सम्मान का अंतिम प्रमाण था।
आज भी सुनील दत्त और नार्गिस का रिश्ता हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्यार, सम्मान और समझ से परिपूर्ण हो, तो धर्म, प्रसिद्धि और समय की सीमाओं को भी पार कर जाता है। यह कहानी न केवल बॉलीवुड की, बल्कि असली जिंदगी की भी सबसे यादगार प्रेमकहानियों में से एक है।