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रयात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में ‘होप्स-2025’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
- फार्मास्यूटिकल साइंसेज और उभरती तकनीकों पर हुआ विचार-विमर्श
 
                                                 होशियारपुर।
रयात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज की ओर से ‘होप्स-2025’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ डायरेक्टर-प्रिंसिपल और कन्वेनर डॉ. मनिंदर पाल सिंह के स्वागत भाषण से हुआ।  उन्होने बताया कि यह आयोजन इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएट्स एसोसिएशन (आईपीजीए), पंजाब स्टेट ब्रांच के सहयोग से हुआ।  
इस मौके मुख्य अतिथि के रूप में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) राजीव सूद उपस्थित रहे, जबकि रयात बहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर गुरविंदर सिंह बाहरा और वाइस चांसलर डॉ. चंद्र मोहन विशेष तौर पर उपस्थित हुए।
गुरविंदर सिंह बाहरा ने अपने संबोधन में अनुसंधान, नवाचार और अंतरविषयक सहयोग की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी फार्मास्यूटिकल शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए वैश्विक उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
डॉ. चंद्र मोहन ने आयोजन टीम की सराहना करते हुए युवा शोधकर्ताओं को नए विचारों और तकनीकों पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ऐसे मंचों को वैज्ञानिक आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बताया।
कार्यक्रम में आईपीजीए पंजाब स्टेट ब्रांच के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुरेश कुमार और जनरल सेक्रेटरी प्रो. (डॉ.) बलजीत सिंह खुराना अपनी पूरी टीम के साथ विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
सम्मेलन के प्लेनरी सत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया, जिनमें प्रो. (डॉ.) जेलिहा सेलामोग्लू (निज्डे ओमर हालीस्देमिर यूनिवर्सिटी, तुर्की), डॉ. एलन तान सांग लून (सनवे बायोफंक्शनल मॉलिक्यूल्स डिस्कवरी सेंटर, मलेशिया), डॉ. राजेंद्र खनाल (मर्क केजीए, जर्मनी), डॉ. राजीव कुमार सिंगला (वेस्ट चाइना हॉस्पिटल, सिचुआन यूनिवर्सिटी, चीन), डॉ. हरीश चंद्र (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल्स, नोएडा), प्रो. (डॉ.) अमित भाटिया (एमआरएसपीटीयू, बठिंडा), प्रो. (डॉ.) रिचा श्री (पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला) और प्रो. (डॉ.) अंजू गोयल (रयात बाहरा यूनिवर्सिटी, मोहाली) प्रमुख रहे।
भारत और विदेश से 800 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। 295 शोध प्रस्तुतियों में से 220 का चयन किया गया। सम्मेलन में विशेष रूप से जर्नल ऑफ एप्लाइड मेडिकल साइंस (जेएपीएस) में शोध प्रकाशन के लिए विशेष अंक की घोषणा की गई। इस मौके सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया, जिसमें छात्रों ने नृत्य, गायन, गिद्धा और भांगड़ा प्रस्तुत किया। समापन समारोह में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र और पोस्टर पुरस्कार वितरित किए गए। अंत में डॉ. चंद्र मोहन ने सभी मेहमानों, सहयोगियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके छात्रों और अध्यापकों के अलावा पूर्व जॉइंट कमिश्नर एफडीए पंजाब डॉ. प्रदीप मट्टू और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अधिकारी समीर कांत अहूजा भी उपस्थित रहे।

 
                 
 
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                                                      
                 
                 
                 
                