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संविधान की दुहाई देने वाले कांग्रेस नेता अपने इतिहास को भूल गए – निपुण शर्मा
राजा वडिंग के संघ-विरोधी बयान पर भाजपा का तीखा पलटवार, इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की दिलाई याद

होशियारपुर : संघ और भाजपा को संविधान विरोधी बताने वाले बयान पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है। भाजपा जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता बार-बार संविधान की दुहाई देते हैं, लेकिन खुद अपने इतिहास को भूल जाते हैं।
निपुण शर्मा ने कहा कि वडिंग जिस संविधान की दुहाई दे रहे हैं, उसी संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ जैसे शब्द इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान जोड़े थे। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे और न्यायपालिका पंगु बना दी गई थी। यह सब केवल अपने राजनीतिक हितों को साधने और विरोधियों की आवाज़ दबाने के लिए किया गया था।
भाजपा नेता ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए मूल संविधान की प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे। कांग्रेस नेताओं को यह सच्चाई भलीभांति मालूम है, फिर भी वे राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। राजा वडिंग द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि संघ एक राष्ट्रसेवी और गैर-राजनीतिक संगठन है जो दशकों से सेवा कार्यों में संलग्न है। उस पर झूठे आरोप लगाना केवल गांधी परिवार को खुश करने की चाटुकारिता है। निपुण शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार द्वारा चलाई जा रही ‘संविधान बचाओ यात्रा’ महज एक दिखावा है, जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में 80 से अधिक बार संविधान में मनमाफिक संशोधन किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आपातकाल के दौरान जनता पर जो अत्याचार किए गए, उन पर कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। संविधान की प्रतिमा हाथ में लेकर देशवासियों को गुमराह करना अब ज्यादा देर तक नहीं चलने वाला।
अंत में शर्मा ने कहा कि अब देश की जनता गांधी परिवार और कांग्रेस के असली चेहरे को पहचान चुकी है और उनके द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम में नहीं आने वाली।