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झगड़ालू और गालीबाज़? सरपंच की कलम से निकली टिप्पणी ने खड़ा किया विवाद

डेस्क न्यूज। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक अजीब मामला सुर्खियों में है, जिसमें एक सरपंच द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र वायरल हो गया है। इस प्रमाण पत्र में सरपंच ने लिखा है— "मैं इसे भली भांति जानता हूं, यह झगड़ालू व्यक्ति है और गाली-गलौज करना इसका स्वभाव है।" यह कथन न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि प्रमाण पत्र की मर्यादा और उद्देश्य पर भी सवाल खड़े करता है।
इस दस्तावेज़ पर सरपंच की मुहर और हस्ताक्षर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, और इसकी तारीख 20 जुलाई 2019 अंकित है। जैसे ही यह प्रमाण पत्र इंटरनेट पर पहुंचा, लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। किसी ने इसे "निजी दुश्मनी का नतीजा" बताया, तो किसी ने लिखा कि "गांव की राजनीति ने फिर एक इंसान की छवि बिगाड़ दी।"
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह प्रमाण पत्र किस राज्य या गांव का है। लेकिन इस तरह की भाषा का प्रयोग किसी भी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है। प्रशासनिक दस्तावेज़ों में व्यक्तिगत भावनाओं या पक्षपात की झलक समाज और व्यवस्था दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
यह मामला न केवल चरित्र प्रमाण पत्र की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सत्ता के छोटे स्तर पर बैठे लोग भी अपनी कलम से किसी की छवि बिगाड़ सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संबंधित विभाग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।