चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार पेंशन को लेकर भ्रष्टाचार के तमाम रास्ते बंद करने में लगी है। प्रदेश में 18 हजार ऐसी विधवा महिलाएं हैं, जिनकी दोबारा शादी हो गई, मगर वह कुछ माह पहले तक भी सरकार से विधवा पेंशन हासिल कर रही थीं। पकड़ में आने के बाद राज्य सरकार ने इन विधवा महिलाओं की पेंशन बंद कर दी है।
हरियाणा सरकार फिलहाल इन महिलाओं द्वारा ली गई विधवा पेंशन की राशि तो रिकवर नहीं कर रही, लेकिन जब कभी इन महिलाओं की वृद्धावस्था पेंशन लगेगी, तब उनसे विधवा पेंशन की राशि को वृद्धावस्था पेंशन की राशि में समायोजित कराने को कहा जाएगा। इन महिलाओं का पूरा डाटा सरकार ने अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को बताया कि 23 हजार लोग ऐसे हैं, जिनके घर पर जाकर सरकार ने पेंशन बनवाने को कहा है, लेकिन इनमें से भी 700 लोग ऐसे निकले, जिन्होंने खुद को सक्षम बताते हुए अपनी पेंशन बनवाने से इन्कार कर दिया है। ऐसे लोग तारीफ के काबिल हैं।
मुख्यमंत्री के अनुसार विपक्ष पेंशन को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है। राज्य में किसी भी पात्र व्यक्ति की पेंशन बंद नहीं की गई है, बल्कि नई पेंशन शुरु हुई है। अब किसी भी एक ऐसे प्रमाण पत्र की जरूरत है, जिसमें पेंशन बनवाने वाले व्यक्ति या महिला की उम्र लिखी है। उसमें लिखी उम्र और मौजूदा साल का आकलन करते हुए पेंशन की पात्रता का साल निर्धारित कर दिया जाएगा। भविष्य में उम्र के लिए किसी अन्य दस्तावेज के देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पात्र व्यक्ति के 60 साल का होते ही उसकी पेंशन परिवार पहचान पत्र के आधार पर स्वयं शुरू हो जाएगी।