बिजनेस : खाने के तेल की कीमतों में लगातार आ रही नरमी को देखते हुए मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। सरकार ने करीब एक साल बाद खाद्य तेल पर लगे स्टॉक लिमिट के बैन को खत्म कर दिया है। अब थोक विक्रेता और बड़े चेन वाले रिटेलर्स अपने पास जितनी मर्जी खाद्य तेल और तिलहन को जमा कर सकेंगे। ग्लोबल मार्केट में भी खाने के तेल और तिलहनों की कीमतों में नरमी आई है, जिसका फायदा घरेलू बाजार को मिल रहा है।
क्यों लगाई थी स्टॉक लिमिट
पिछले साल ग्लोबल मार्केट में खाद्य तेल और तिलहनों की कीमतों में अचानक तेज उछाल आना शुरू हो गया था और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते इसकी सप्लाई भी काफी बाधित हुई। इससे घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतें लगातार बढ़नी शुरू हो गई और जमाखोरी व कालाबाजारी की आशंका बढ़ने लगी। ऐसे में सरकार ने हस्तक्षेप किया और खाद्य तेलों व तिलहनों के जमा पर लिमिट तय कर दी, ताकि जमाखोरी न हो सके और कीमतों को वापस नीचे लाया जा सके।
ग्राहकों को क्या होगा लाभ
सरकार के स्टॉक लिमिट हटाने के बाद अब थोक और बड़े खुदरा दुकानदार अपने पास ज्यादा मात्रा में खाद्य तेलों का भंडार रख सकेंगे और बाजार में इसकी आपूर्ति बेहतर होने की वजह से कीमतों पर भी दबाव कम होगा। पिछले कुछ दिनों से खाद्य तेल के भाव नीचे आए हैं और इस कदम से अनुमान है कि कीमतों में और गिरावट आ सकती है। अब दुकानदार अलग-अलग वैराइटी के खाद्य तेलों का भी भंडारण कर सकेंगे, जिसका लाभ ग्राहकों को मिलेगा। सरकार का यह आदेश तल्काल प्रभाव से लागू हो गया है।