थायराइड को कंट्रोल करने के नेचुरल तरीकों, जल्द ही दिखेगा असर

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थायराइड को कंट्रोल करने के नेचुरल तरीकों, जल्द ही दिखेगा असर

नई दिल्ली (लाइफस्टाइल) : हमारे शरीर में कई प्रकार की ग्रंथियां होती हैं जो शरीर के अलग- अलग फंक्शन के लिए जरूरी हार्मोन्स बनाने का काम करती हैं। थायराइड गर्दन में स्थित एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है जो हमारे चयापचय के लिए ही जरूरी है। इसका बहुत ज्यादा या बहुत कम मात्रा में उत्पादन, दोनों ही हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता। इससे बॉडी के कई सारे फंक्शन्स प्रभावित होने लगते हैं। तो इसे संतुलित करने में कुछ खास तरह के योग बहुत असरदार साबित हो सकते हैं, जान लें इनके बारे में…

थायराइड के उपचार में फायदेमंद हैं ये आसन

सर्वांगासन

सर्वांगासन को थायराइड के उपचार में बहुत ही असरदार आसन माना जाता है। इस आसन में पैर ऊपर और सिर नीचे की ओर होता है जिससे ऊपरी अंगों में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरीके से हो पाता है। इस आसन को अभ्यास से थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है और उसकी कार्यक्षमता में सुधार होता है।

हलासन

हलासन से थायराइड और पिट्यूटरी ग्रंथियों की कार्यक्षमता में सुधार करता है। ये आसन रीढ़ की हड्डी के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट की चर्बी को भी कम करने में कारगर है। इस आसन को करने से मांसपेशियों का तनाव भी कम होता है।

मत्स्यासन

पीछे की ओर झुकने वाला यह आसन गले, छाती, कंधों, पेट को फैलाता है और खोलता है। योग की यह मुद्रा पेट और शरीर के ऊपरी अंगों को एक्टिव करती है जिससे वो सही तरीके से अपना काम कर पाते हैं।

विपरीत करणी

इस आसन के फायदे भी सर्वांगासन जैसे ही हैं क्योंकि इसमें भी पैर ऊपर और सिर नीचे की ओर होता है। आसन को करने के दौरान कमर के साथ ही गर्दन पर भी दबाव आता है और इसी से थायराइड ग्लैंड एक्टिव होती है।

 

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