तलवंडी कलां (लुधियाना) : पंजाब में नशे के लिए बदनाम जालंधर बाईपास स्थित गांव तलवंडी कलां एक बार फिर चर्चा में है। वीरवार काे यहां लुधियाना पुलिस के 100 जवानाें ने एक साथ रेड की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। तस्कर भनक लगते ही माैके से फरार हाे गए। मौजूदा समय में नशे के लिए बदनाम हो रहे इस गांव को ‘चिट्टे वाला पिंड’ के नाम से जाना जाता है।
इस कलंक काे धाेने के लिए कुछ साल पहले युवाओं ने बीड़ा भी उठाया था लेकिन कामयाबी नहीं मिली। 30 युवाओं की टाेली नाकाबंदी कर ड्रग तस्करी करने वालाें काे पहरा देकर पकड़ती थी और पुलिस के हवाले कर देती थी। बाद में जब मामला पुलिस के पास जाने लगा तो इन पर ही हमले होने लगे थे। राेचक बात यह है कि बंटवारे के बाद गांव में पाकिस्तान से आए लाेगाें काे बसाया गया था।
300 से 500 रुपये में मिलता है नशे का इंजेक्शन
तलवंडी कलां गांव में कुछ भी साथ लेकर नहीं आना पड़ता। यहां सिरिंज में हेरोइन भरकर दी जाती है। सिरिंज का रेट 300 से लेकर 500 रुपये है। यह चलन कुछ समय पहले ही शुरू हुआ है। इससे नशे की पूरी डोज शरीर में चली जाती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने के कारण तस्कर आसानी से गांव में नशा पहुंचाते हैं और फिर इसे आगे सप्लाई किया जाता है। यहां पर महिलाएं घर पर ही नशे की डोज देती हैं और नशेड़ी गांव में ही सतलुज के किनारे पर नशा करते हैं और चले जाते हैं।