ऊर्जा संकट व धीमी वैश्विक मांग की मार झेल रहा है बांग्लादेश कपड़ा उद्योग

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बिजनेस : दुनिया में कपड़ा उद्योग का दूसरे नंबर का निर्यातक बांग्लादेश इन दिनों दोहरी मार से जूझ रहा है। एक तरफ बांग्लादेश क्षेत्र व्यापी ऊर्जा संकट से परेशान हैं। वहीं अब कपड़ा निर्यात के आर्डर भी कम हो रहे हैं। कपड़ा उद्योगपति व व्यवसायियों का मानना है कि पिछले तीन सालों में वर्तमान में सबसे बड़ी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बांग्लादेश ने तरलीकृत प्राकृतिक गैस को खरीदना बंद कर दिया था। वह अब लंबी अवधि की आपूर्ति के लिए रणनीति बना रहा है। क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध से प्राकृतिक ऊर्जा संकट पैदा हुआ।

विश्व में चीन के बाद बांग्लादेश दूसरे नंबर का कपड़ा निर्यातक है जो अब ऊर्जा संकट के साथ धीमी वैश्विक मांग की मार झेल रहा है। फैशन ब्रांड टॉमी हिलफिगर की मूल कंपनी पीवीएच कॉर्प और इंडिटेक्स एसए की जारा के आपूर्तिकर्ता प्लमी फैशन लिमिटेड के जुलाई महीने के नए ऑर्डर पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत कम हो गए हैं। इसका असर बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है।

बाजारों में टाला जा रहा तैयार माल का शिपमेंट

यूरोपीय और अमेरिकी दोनों बाजारों में खुदरा विक्रेता तैयार उत्पादों के शिपमेंट को टालने लगे हैं। वहीं कई व्यवसायी तो ऑर्डर में भी देरी कर रहे हैं। निर्यात स्थलों में मुद्रास्फीति बढ़ने से इसका गंभीर असर भी दिखने लगा है।

ऑर्डरों के घटना अब देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक सिद्ध हो सकता हैं क्योंकि परिधान उद्योग सकल घरेलू उत्पाद का दस प्रतिशत से अधिक माल तैयार करता है। जिससे 4.4 मिलियन लोगों को रोजगार मिलता है। इसीलिए अधिकारी व्याप्त ऊर्जा संकट से निपटने के लिए ईंधन भंडार को संरक्षित करने और बिजली कटौती का सहारा ले रहे हैं।

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