दिल्ली के 90 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में पंजाबी शिक्षक नहीं: RTI

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नई दिल्ली: दिल्ली की दूसरी आधिकारिक राजभाषा पंजाबी के यहां के 90 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में शिक्षक ही मौजूद नहीं हैं। जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के नाम पर दिल्ली सरकार से 40 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त करने वाली पंजाबी अकादमी ने 71 पंजाबी शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर और 185 को अस्थायी आधार पर नियुक्त किया हुआ है। इस हिसाब से दिल्ली के कुल 2795 सरकारी स्कूलों में से सिर्फ 256 स्कूलों में पंजाबी अकादमी की ओर से पंजाबी भाषा पढ़ाने के लिए शिक्षक हैं। पंजाबी अकादमी द्वारा किसी भी पंजाबी शिक्षक की स्थाई भर्ती नहीं की गई है।

यह खुलासा एक आर.टी.आई. के जवाब से हुआ है। इस बारे में पंजाबी भाषा कार्यकत्र्ता एवं ‘वारिस विरसे दे’ संगठन के अध्यक्ष डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग से पंजाबी शिक्षकों की संख्या तथा पंजाबी अकादमी को लेकर आर.टी.आई. दायर करके 14 सितंबर को 8 प्रश्न पूछे थे। शिक्षा विभाग ने आर.टी.आई. पंजाबी अकादमी को भेज दी। डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने बताया कि पंजाबी अकादमी द्वारा 10 अक्तूबर को उन्हें जारी जवाब में बताया गया कि सरकार के शिक्षा विभाग के स्कूलों में 71 और दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में 185 अस्थायी पंजाबी भाषा के शिक्षक ही उपलब्ध हैं। जबकि स्थायी पंजाबी भाषा शिक्षकों की मौजूदगी और भर्ती को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए पंजाबी अकादमी का रवैया नकारात्मक रहा है।

पंजाबी अकादमी के भारी बजट के बावजूद अकादमी के प्रदर्शन को अपर्याप्त और संदिग्ध बताते हुए डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने कहा कि दिल्ली में कुल 2795(शिक्षा विभाग के 1027, दिल्ली नगर निगम के 1705, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के 51 और दिल्ली छावनी बोर्ड परिषद के 12 स्कूल ) सरकारी स्कूल हैं। डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पिछले 15 साल का पंजाबी अकादमी के खातों का ऑडिट करवाने की मांग की।

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