नेत्रदान मुहिम से जुड़कर जिंदगी के बाद भी जिन्दा रहेंगे हम: सांपला

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    होशियारपुर : नेत्रदान को सबसे बड़ा दान कहां जाए तो कहीं तर्कसंगत नहीं। इसका महत्त्व वही बता सकता हैं जिसने अपनी जिंदगी आंखों की रोशनी के बिना अंधेरेपन में गुजारी हो। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व पंजाब प्रधान विजय सांपला ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल 25 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक राष्ट्रीय स्तर पर नेत्रदान पंदरवाड़ा मनाया जाता हैं। इसका उद्देश लोगों को नेत्रदान करने के प्रति जागरूक करना हैं। इस अभियान से अंधेरेपन को दूर कर लोगों की जिंदगी में उजाला देने के लिए प्रेरित करने के लिए स्वयं सेवी संस्थानों द्वारा जो कोशिशें की जा रही हैं वह सराहनीय हैं। परंतु अगर हम सभी इस नेत्रदान की मुहिम को जन-जन तक पहुंचाएं तभी देश अंधेपन से मुक्ति पा सकेगा।

    सांपला ने कहा कि हमारे देश में रोजाना औसतन 62 हजार लोगों की मौत हो रही हैं और अगर देश में अंधेपन से पीड़त मरीजों की गिनती की बात करे तो वह महज 6 लाख 50 हजार के करीब हैं अगर हर एक देश वासी मरणोपरांत अपनी आंखें दान करने का प्रण लेता हैं तो बहुत जल्द ही देश से अंधेपन को दूर करके पीड़त लोगों की जिंदगी रौशन की जा सकती हैं।

    इस मोके पर उन्हों ने अपील की कि हम सभी नेत्रदान करने का प्रण लें जो देश से अंधेपन को दूर किया जा सकें। इस अवसर पर पूर्व जिला प्रधान डॉक्टर रमन घई, विजय अग्रवाल, एडवोकेट आरपी धीर, आनंद अग्रवाल एडवोकेट नवजिंदर सिंह बेदी, आदि गणमान्य भी मौजूद थे।

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