नई दिल्ली, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)
नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24-25 फरवरी को हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिजेंस ब्यूरो के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की हत्या में क्राइम ब्रांच की नजरें अब आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम पर भी हैं। जांच में उसका नाम भी सामने आया है। पुलिस जल्द ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है।
वहीं, उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के आरोपित और पार्षद ताहिर हुसैन के मैनेजर तारिक रिजवी को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दे दी है। वहीं, तारिक के दो साथियों (पिता-पुत्र) को पुलिस ने न्यायिक और पुलिस हिरासत में भेज दिया है। रविवार को कोर्ट ने तारिक के साथी रियासत अली को तीन दिन की पुलिस हिरासत और उनके पिता लियाकत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार की कोर्ट में रविवार को क्राइम ब्रांच ने रियासत और लियाकत को पेश किया। इसी दौरान तारिक के वकील ने जमानत अर्जी लगाई। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि रियासत और लियाकत 24-25 फरवरी को चांद बाग इलाके में हुई हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन के घर की छत पर मौजूद थे। इन दोनों ने छत से लोगों पर पथराव किया और गुलेल से लोगों के घरों पर पेट्रोल बम भी फेंके, जबकि रिजवी ने ताहिर के साथ मिलकर इलाके में दंगा भड़काने में उसकी मदद की। पुलिस ने रिजवी पर ताहिर के साथ मिलकर आइबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या करने का भी आरोप लगाया।