जंगली झाड़ नहीं ये पौधा, इसके बीज, फूल-पत्तों में भरे हैं औषधीय गुण, अस्थमा सहित 20 बीमारियों का करता है इलाज

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हैलथ : धरती पर हमारे आसपास ऐसी हजारों पड़-पौधे मौजूद हैं, जिनका उनके औषधीय गुणों के कारण कई दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में ऐसे पेड़-पौधों को ऊंचा दर्जा मिला हुआ है।

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की बात होती है, तो अक्सर तुलसी, गिलोय या आंवला की सबसे ज्यादा बात होती है। लेकिन ऐसी पौधे हैं जिनका कई बीमारियों के इलाज में दवा बनाने में यूज किया जाता है। ऐसा ही एक पौधा संभालू (Sambhaloo) है जिसे Chinese chaste tree के नाम से जाना जाता है।

इस पौधे और इससे मिलने वाली जड़ी बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा पद्धति में भी किया जाता है। यह 2 से 8 मीटर ऊंचाई तक बढ़ने वाला छोटा पतला पेड़ होता है। इसकी छाल पतली, धूसर या लाल भूरे रंग की होती है और सभी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। यूनानी में इस पेड़ के पत्ते, बीज, जड़ें और ताजी पत्तियों, फूलों और सूखे फलों का विभिन्न रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं में किया जाता है।

संभालू पौधे के गुण

nhp.gov की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पपौधे में डिटर्जेंट (जाली), अलंगेसिक (मुसक्किन-ए-दर्द), एंटी इंफ्लेमेटरी (मुहल्लील-ए-वरम), एंटीसेप्टिक (दाफ-ए-तफ्फुन), घाव भरने (मुंडामिल-ए-कुरूह), कार्मिनेटिव (कासिर-ए-रियाह), ज्वरनाशक (दाफ-ए-हम्मा), मुखरिज-ए-दीदान, कृमिनाशक (कातिल दीदान), कामोद्दीपक (मुकव्वी-ए) – बाह) जैसे गुण पाए जाते हैं।

खांसी का रामबाण इलाज

संभालू के बीजों को सिरके में भिगोकर पेट फूलने की स्थिति में गर्म सेंक के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह खांसी और फोड़े को ठीक करता है। यह कुष्ठ, दमा और मलाशय के लिए लाभदायक है।

पीरियड्स के दर्द से दिलाता है राहत

मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और दर्द को कम करने के लिए बीजों का चूर्ण खाया जा सकता है। प्लीहा की सूजन को दूर करने के लिए बीजों को सिकंदरा के साथ लिया जाता सकता है।

जोड़ों के दर्द में देता है आराम

फलों के चूर्ण को गोली के रूप में खाने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। पीसा हुआ पत्तों का उपयोग बुखार को दूर करने में सहायक होता है। इससे पीठ दर्द और सिरदर्द को कम करने में भी मदद मिलती है।

आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हरी पत्तियों का रस आंखों में डालने से आंखों की रोशनी तेज हो सकती है। गर्म और पेट फूलने की समस्या को दूर करने के लिए आप इसके पत्तों को गर्म करके प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं।

दांत-मसूड़ों का बनाता है मजबूत

मुंह के छालों और गले के दर्द में पत्तियों के काढ़े से गरारे करने से लाभ होता है। पत्तियों को पूरी रात ठंडे पानी में भिगोकर सुबह गरारे करने से दांत दर्द, मसूड़े की सूजन, मसूड़ों से खून आना, मुंह से दुर्गंध और अत्यधिक लार के इलाज में मदद मिलती है।

इन बीमारियों का भी करता है इलाज

इसके फूल, पत्ते और बीज आदि का विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल करने पर आपको सिरदर्द, चर्म रोग, सर्दी, यूट्रस की सूजन, ओवेरियन की सूजन और गठिया जैसे गंभीर रोगों से आराम मिल सकता है। ध्यान रहे कि इसका इस्तेमाल करने से पहले किसी एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।

 

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