रूपनगर: इंटरमिटिट एक्सपलोसिव डिसआर्डर प्रोग्राम के तहत विशेष जरूरतों वाले बच्चों का स्कूलों में दाखिला दर को बढ़ाने के उद्देश्य से ऐसे बच्चों की पहचान के लिए जिले में विशेष सर्वेक्षण शुरू किया गया है।
डीसी डा. प्रीति यादव के अनुसार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की टीमों ने बाकायदा रूपरेखा तैयार की गई है। डीसी ने कहा कि देखने में आया है कि जिले के स्कूलों में विशेष जरूरतों वाले बच्चों की दाखिला दर में काफी गिरावट आई है, जिसके चलते जिले अंदर ऐसे बच्चों की पहचान करते हुए उनके माता-पिता से बच्चों को स्कूलों में दाखिल करवाने की अपील की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों में इन बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर के अलावा जिला अस्पताल के अर्ली इंटरवेंशन केंद्र में विशेषज्ञों तथा स्पेशन एजुकेटर द्वारा मुफ्त इलाज की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। पिछले सप्ताह 60 बच्चों का आईक्यू चेकअप करने के बाद सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इन सर्टिफिकेट्स के आधार पर पहली से आठवीं कक्षा तक के दिव्यांग बच्चों को 2500 रुपये सालाना जबकि नौवीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को 3500 रुपये सालाना वजीफे के रूप में सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। एजुकेशन रिसोर्स टीचर वंदना ने बताया कि ऐसे बच्चों को रिसोर्स रूम में फिजियोथेरेपी कैंप भी लगाए जाते हैं, जिनमें जरूरत के अनुसार थेरेपी की जाती है।