होशियारपुर। रयात बाहरा इंजीनियरिंग कॉलेज में रेड रिब्बन क्लब के सहयोग से आई फ्लू पर सेमीनार का आयोजन किया गया। जिस में पहले सेमेस्टर के छात्रों ने हिस्सा लिया। जिस में डॉ सुखमीत बेदी ने आई फ्लू के कारण व् इलाज के बारे छात्रों को विस्तृत जानकारी दी।
– डॉ सुखमीत बेदी ने आई फ्लू के कारण व् इलाज के बारे छात्रों को बताया
डॉ सुखमीत ने बताया कि आई फ्लू को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे अधिकांश जगहों पर इसे कंजंक्टिवाइटिस या ‘आंख आना’ कहते हैं वहीं कुछ जगहों पर लोग इस बीमारी को ‘रेड आई’ या ‘पिंक आई’ के नाम से जानते हैं. हमारी आंखों के सफेद हिस्से और पलकों के अंदरूनी हिस्से के बीच एक पतली पारदर्शी झिल्ली जैसी परत होती है जिसे कंजंक्टिवा कहते हैं। उन्होंने बताया कि आई फ्लू की समस्या इसी कंजंक्टिवा में सूजन होने के कारण होती है। डॉ सुखमीत ने बताया कि आई फ्लू के मुख्य लक्षण जैसे आंखें लाल होना ,पलकों में सूजन ,आंखों से चिपचिपा कीचड़ निकलना ,आंखों में खुजली या किरकिरापन महसूस होना आदि हैं। इसी तरह उन्होंने आई फ्लू के उपचार के बारे भी जानकारी दी जिसमें हाथों को साफ रखें , आंखों को ना छूएं , अपना सामान शेयर ना करें , सार्वजनिक जगहों पर ना जाएं, चश्मा पहनें के बारे बताया। इस मौके प्रिंसिपल डॉ ज्योत्स्ना ने डॉ बेदी का धन्यवाद किया। सेमीनार के को-आडिनेटर प्रो तरनप्रीत कौर और प्रो पूजा खुल्लर थे।