बिजनेस : ड्यूश बैंक का अनुमान है कि अगस्त में भारत की कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी खुदरा महंगाई सालाना आधार पर 6.9 फीसदी रह सकती है। वहीं, कोर इनफ्लेशन यानी थोक महंगाई 6 फीसदी रह सकती है। भारत के महंगाई के आंकड़े सोमवार आएंगे। ड्यूश बैंक ने कहा कि हाल के हफ्तों के दौरान ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में खासी गिरावट आई है लेकिन इसका सीपीआई पर अनुकूल असर खासा कम रहेगा क्योंकि फ्यूल आइटम्स को इसमें मामूली वेट हासिल है।
वहीं बैंक ने कहा, सितंबर- नवंबर की अवधि के लिए नकारात्मक सीजनलिटी के कारण खाद्य पदार्थों की महंगाई का खतरा बना हुआ है। ड्यूश बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट (भारत और दक्षिण एशिया) कौशिक दास ने कहा, “इस अवधि में प्रमुख सब्जियों की कीमतें बढ़ती हैं।”
मौसमी कारणों से इतर दास ने बताया कि सालाना आधार पर दालों की बुआई 5 फीसदी घटी है। उन्होंने कहा, “ये संभावित रिस्क फैक्टर हो सकते हैं, जिससे खाद्य महंगाई ऊंची रह सकती है। इसके चलते सीपीआई बढ़कर 7 फीसदी के स्तर के नजदीक पहुंच सकती है।”
RBI अभी बढ़ाएगा रेपो रेट
दास ने कहा, रिजर्व बैंक (RBI) आगे भी दरें बढ़ाता रहेगा। इस वित्त वर्ष में अभी तक 75 बीपीएस से 85 बीपीएस तक की बढ़ोतरी की संभावना है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि आरबीआई सितंबर मीटिंग में दरों में कम बढ़ोतरी करेगी, क्योंकि पहले ही दरें खासी बढ़ चुकी हैं।”