पटियाला (जनगाथा टाइम्स ) पटियाला स्थित राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में मेस में घटिया खाना पराेसे जाने और चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव के मिसबिहेव और लड़कियों पर फब्तियां कसने के आरोप लगाकर छात्रों ने शुक्रवार रात काे प्रदर्शन किया। इसके बाद दो रातें और दो दिन ये लोग खुल गगन के तले गुजार चुके हैं, मगर समस्या का समाधान नहीं निकला।
दरअसल, 13 मार्च यानी बुधवार को छात्रों को पालक की सब्जी, दाल, चावल, रोटी और सलाद दिया गया था। खाने की क्वालिटी खराब होने पर छात्रों ने थालियां बजाकर प्रदर्शन किया था। प्रबंधन ने 15 मार्च को बीए एलएलबी फोर्थ इयर के 6 स्टूडेंट्स को सस्पेंड कर दिया। सूचना के बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से दो जज मौके पर पहुंचे। डीसी, एसएसपी, हाईकोर्ट के जज और यूनिवर्सिटी के वीसी सहित अथॉरिटी ने स्टूडेंट्स से बात की। 6 स्टूडेंट्स का सस्पेंशन वापस ले लिया गया। छात्र चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। देरशाम जज महेश ग्रोवर के साथ छात्रों की मीटिंग हुई। छात्रों ने उनके सामने 4 मांग रखीं। मांगों पर मीटिंग में कोई फैसला नहीं होने पर छात्रों ने गेट खोलकर प्रदर्शन किया।
शुक्रवार के प्रदर्शन के बाद शनिवार काे छात्रों सस्पेंशन रद्द कर दिया गया था। चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव को लीव पर भेज दिया गया है। शनिवार देर शाम हाईकोर्ट के जज महेश ग्रोवर के साथ मीटिंग में फैसला न होने पर छात्रों ने पहले कैंपस में गेस्ट हाउस के पास प्रदर्शन किया। रात 10 बजे मेन गेट ओपन कर धरने पर बैठ गए। बता दें जज के सामाने छात्रों ने चार मांगें रखी थीं।
विद्यार्थियों की मुख्य मांगें
चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर को तुरंत सस्पेंड किया जाए और एग्जाम होने के बाद ही इस मामले की जांच की जाए।
लड़कियों के हॉस्टल का टाइम लड़कों के बराबर (रात 8 बजे) किया जाए। मेस में खाने की क्वालिटी ठीक की जाए। 6 स्टूडेंट्स का सस्पेंशन रद्द किया जाए।
आरोपों का किया जा रहा है खंडन
एक तरफ चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर एसपी सिंह का कहना है कि स्टूडेंट्स ने जो आरोप लगाए हैं वह गलत हैं। अगर वह धरना दे रहे हैं तो देते रहे। हर तरह की जांच के लिए वह तैयार हैं। वहीं रजिस्ट्रार डॉ. नरेश वत्स का कहना है कि इस मामले में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। अभी विचार-विमर्श चल रहा है। रविवार को भी वीसी ने अर्जेंट मीटिंग बुलाई थी।