गीता पराशर 33 वर्ष की सेवा के बाद हुई सेवामुक्त

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होशियारपुर । पीडी आर्य स्कूल बहादुरपुर में पंजाबी अध्यापिका गीता पराशर को स्कूल स्टॉफ की तरफ से विदायगी पार्टी प्रिंसीपल टिमाटनी आहलुवालिया की अध्यक्षता में दी गई। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक कमेटी के प्रधान विश्वामित्र रामपाल, रिटायर्ड प्रिंसीपल डी.के शर्मा, डाक्टर रजिंदर शर्मा तथा प्रमुख समाज सेवी रजिंदर मोदगिल विशेष तौर पर शामिल हुए। इस मौके प्रिंसीपल टिमाटनी आहलुवालिया ने बताया कि गुरू का दर्जा भगवान से ऊपर माना जाता है। गुरु शिष्या का रिश्ता अटूट होता है गुरु अपने ऊपर उत्तदायित्व लेता है कि वह अपने शिष्यों को ज्ञान से परिपूर्ण रखेगा और उसे भविष्य में एक सही मार्ग तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगा। फिलहाल आज के समय में बेहद कम ही देखा गया है कि किसी गुरु के विदाई पर छात्र तथा स्टॉफ मायूस हो, इसके बदले फेयरवल पार्टी की परंपरा बन गई है। इस अवसर पर गीता पराशर को स्टॉफ व प्रबंधक कमेटी की तरफ से सम्मान चिन्ह व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी रजिंदर मोदगिल ने बताया कि मैडम गीता पराशर को सरकारी नौकरी की भी ऑफर आई, लेकिन उन्होंने पीडी आर्य स्कूल में ही सेवा करने के लिए मन बनाया था। उन्होंने वर्ष 1989 में स्कूल में ज्वाइन किया तथा 33 वर्ष की सेवा के बाद आज कार्यभार मुक्त हो गए हैं और उनको बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी। इस मौके पर डा. रजिंदर शर्मा जो उनके भाई है ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षक समाज के प्रति अपनी भूमिका अदा करते रहते हैं। उन्होंने स्कूल स्टॉफ व प्रबंधकों का तह दिल से धन्यवाद किया। इस अवसर पर विश्वामित्र रामपाल, रिटायर्ड प्रिंसीपल डी.के. शर्मा, प्रिंसीपल टिमाटनी आहलुवालिया, रजिंदर मोदगिल, रीटा कुमारी, डा. रजिंदर शर्मा, अनीता शर्मा, प्रदीप पराशर, प्रतीक ईरा व स्कूल स्टॉफ तथा अन्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन:
गीता पराशर को सम्मानित करते हुए प्रधान विश्वामित्र, प्रिंसीपल टिमाटनी आहलुवालिया, डी.के शर्मा, रजिंदर मोदगिल,डा. रजिंदर शर्मा।

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