जनगाथा न्यूज़। अमृतसर। मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से एक जनवरी को एक जनसभा के दौरान कहा गया था कि अगर संगत गुरु घरों में पड़ी गोलकों में चढ़ावा डालना बंद कर दे तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य एसजीपीसी छोड़कर चले जाएंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जो अनियमितताएं करते हैं, वह भी बंद हो जाएंगी।
भगवंत मान के इस बयान के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों में रोष पैदा हो गया। एसजीपीसी अध्यक्ष के आह्वान पर अमृतसर के एसजीपीसी सदस्य और कर्मचारी अमृतसर के डीसी हरप्रीत सिंह सूदन को ज्ञापन सौंपने डीसी कार्यालय पहुंचे। डीसी को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि मुख्यमंत्री मान के खिलाफ सिख संगत की भावनाओं को आहत करने के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
एसजीपीसी सदस्य भाई राम सिंह रजिंदर सिंह मेहता, बावा सिंह गुमानपुरा और एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि संगत अपनी शर्तों के अनुसार गुरु घरों की गोलक में चढ़ावा चढ़ाती है। एसजीपीसी किसी को मजबूर नहीं करती है। यह चढ़ावा संगत की भावनाओं के अनुसार संगत की ओर से ही चढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने एक महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए सिख संगत विरोधी बयान दिया है, जिसे सिख संगत और एसजीपीसी किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी। उनकी मांग है कि मुख्यमंत्री मान अपने इस बयान को लेकर सिख कौम से सार्वजनिक माफी मांगें। अगर भगवंत मान सिख संगत से माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ सिख संगत की भावनाओं को आहत करने के तहत कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।