होशियारपुर। न्यूज़ डेस्क। ब्रिटिश सेना की 32 वर्षीय सिख सैन्य अधिकारी दक्षिण ध्रुव की यात्रा के लिए रवाना हो गई हैं। वह भारतीय मूल की पहली महिला हैं, जो इस एकल साहसिक अभियान पर जा रही हैं। रविवार को वह और एक फिजियोथेरेपिस्ट लंदन से चिली के लिए कूच कर गईं।
कैप्टन हरप्रीत चंडी, जिन्हें ‘पोलर प्रीत’ के नाम से जाना जाता है। हरप्रीत माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 60 मील प्रति घंटे की बर्फीली हवा से जूझते हुए दक्षिण ध्रुव की 700 मील की यात्रा करेंगी।
अपने ऑनलाइन ब्लॉग पर कैप्टन हरप्रीत चंडी ने लिखा कि यात्रा में लगभग 45-47 दिन लगेंगे। इस दौरान वह लोगों से अपने दैनिक वॉयस ब्लॉग को फॉलो करने के लिए एक लाइव ट्रैकिंग मैप अपलोड करने की योजना बना रही हैं। चंडी ने लिखा, ‘मैं इस यात्रा में अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ ले जाना चाहती हूं, इसलिए मुझे आशा है कि आप फॉलो कर यात्रा का आनंद लेंगे।’
कैप्टन चंडी उत्तर पूर्व इंग्लैंड में ब्रिटिश सेना की मेडिकल रेजिमेंट में कार्यरत हैं। उनका कार्य सेना में शामिल होने वाले चिकित्सकों को ट्रेनिंग देना है।
अंटार्कटिका (दक्षिण ध्रुव) पृथ्वी पर सबसे ठंडा, सबसे ऊँचा, सबसे शुष्क और सबसे हवा वाला महाद्वीप है। वहां कोई भी स्थायी रूप से नहीं रहता है। जब मैंने पहली बार वहां जाने की योजना बनाना शुरू किया तो मुझे महाद्वीप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसी कारण मुझे वहां जाने की प्रेरणा मिली।