पीएम की सुरक्षा में चूक के बहाने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की साजिश कर रही भाजपा: विधायक अरोड़ा

0
519

होशियारपुर । पंजाब वासी अपने घर आए अपनों और दुश्मनों दोनों का ही बराबर सम्मान करते हैं तथा यह भलीभांति जानते हैं कि किसे किस प्रकार का सम्मान देना है। मेहमान को हम लोग सिर आंखों पर बिठाते हैं और दुश्मनों को नाकों चने चबाने को मजबूर कर देते हैं पंजाबी। लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सूच को लेकर भाजपा और केन्द्र द्वारा रची जा रही साजिश सिर्फ और सिर्फ पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने मात्र से अधिक कुछ नहीं है। यह बात पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक सुन्दर शाम अरोड़ा ने इस मामले पर कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक दौरान कही। श्री अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में सभी तरफ अमन शांति है और कानून व्यवस्था पर सरकार की पूरी पकड़ है। लेकिन भाजपा को यह बात हज़म नहीं हो रही। जिसके चलते उन्होंने खुद ही सारा ड्रामा रचकर पंजाब वासियों का ध्यान शांति से भटकाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वापिस जाने की असल वज़ह सुरक्षा में चूक नहीं थी बल्कि उन्हें पता चल गया था कि रैली स्थल की क्या स्थिति है। जिसके चलते उन्होंने वापिस जाने में ही भलाई समझी। श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में दस हजार सुरक्षा कर्मी, एसपीजी, बीएसएफ व केन्द्रीय गृह मंत्रालय हो उनकी सुरक्षा में चूक कैसे हो सकती है। इससे यह साबित होता है कि यह सब बनावटी है। श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री की किसान विरोधी नीतियों के कारण पंजाब के लोगों में भारी रोष है। लोग इनकी इस यात्रा का विरोध कर रहे थे तथा इसकी जानकारी सभी को थी। फिर भी प्रधानमंत्री ने जानबूझकर सडक़ मार्ग से जाने को प्राथमिकता दी। जिसकी सूचना अधिकारिक रुप से पंजाब प्रशासन को नहीं थी। श्री अरोड़ा ने कहा कि भाजपा अब किसानों को लुभाने के कितने भी प्रयास कर ले लेकिन अब किसान और पंजाबी इनके झांसे में आने वाले नहीं है तथा आगामी चुनाव में सिरे से नकार देंगे।
इस मौके पर जिला प्रधान डा. कुलदीप नंदा ने कहा कि कृषि कानून वापिसी के बावजूद अभी तक केन्द्र सरकार ने किसानों को कुछ अन्य अहम मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं की है। जिस कारण किसानों को सडक़ों पर बैठने को विवश होना पड़ रहा है। किसानों की मुख्य मांगं में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टोनी को पदमुक्त करना, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के किसानों पर किए गए मामले रद्द करने, एमएसपी की गारंटी, किसान आंदोलन में शहीद किसानों को उचित मुआवजा देना आदि शामिल है, जिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी किसानों से बात करना जरुरी नहीं समझा। जिस कारण किसानों का रोष एक बार फिर बढऩे लगा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री दिल्ली बार्डर पर पहुंचकर किसानों से मिले होते तो उन्हें यह दिन देखना न पड़ता। दूसरी तरफ कांग्रेस के वो महान नेता इंदिरा गांधी व राजीव गांधी थे, जो किसानों के लिए सदैव निष्ठाभाव से तत्पर रहे। बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रदानमंत्री द्वारा अधिकारियों से यह कहना कि मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट पर जिंदा लौट आया, जैसे शब्द उनके द्वारा कहना शोभा नहीं देता। यह पंजाब को बदनाम करने की साजिश है। डा. नंदा ने कहा कि इस मामले मका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बठिंडा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक की जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री केवल भाजपा के प्रधानमंत्री नहीं हैं बल्कि सबके प्रधानमंत्री हैं और उनकी जान की कीमत देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस मौके पर नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन एडवोकेट राकेश मरवाहा, मेयर सुरिंदर कुमार, जिला कार्यकारी प्रधान यामिनी गोमर व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश डावर मिंटू आदि मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here