चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक और बड़ा कदम उठाया है। हर घर को तीन सौ यूनिट प्रति महीना बिजली मुहैया करवाने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी के घर का बिल गलत आया तो उस क्षेत्र का अधिकारी निजी तौर पर जिम्मेवार होगा। इसके साथ यह भी कहा गया है कि हर घर की पूरी मीटरिंग होगी और समय पर सही बिल मुहैया करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री दफ्तर की ओर से जारी पत्र के बाद डायरेक्टर डिस्ट्रीब्यूशन ने सभी चीफ इंजीनियर्स को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में कहा गया है कि हर मीटर की रीडिंग और बिलिंग सुनिश्चित की जाए और किसी को भी बढ़ाकर या गलत बिल जारी न किया जाए। अगर कहीं ऐसी कोई शिकायत पाई गई तो संबंधित अधिकारी की निजी तौर पर जिम्मेवारी होगी। काबिले गौर है कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इस बात को अपने कार्यकाल में मुद्दा बनाया था। उनका दावा था कि कहीं कहीं 50 हजार से एक लाख रुपयेतक बिल आए हुए हैं जबकि उन घरों में न तो एसी लगा हुआ है और न ही कोई ऐसे उपकरण जिसमें बिजली की खपत ज्यादा हो। बिजली बिल ज्यादा आने का मुद्दा पंजाब में महत्वपूर्ण है। आम शिकायत है कि जब विभागीय अधिकारियों की गलती से इस प्रकार के बिल आते हैं तो अधिकारी उपभोक्ताओं से पहले बिल भरने का दबाव डालते हैं और बाद में बिलों को ठीक करते हैं।
बिजली मंत्री ने मांगी डिफाल्टरों की सूची
तीन सौ यूनिट निश्शुल्क बिजली मुहैया करवाने के लिए अतिरिक्त खर्च होने वाली राशि को जुटाने के लिए डिफाल्टरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने निर्देश जारी किए हैं कि उन्हें तीन दिन के अंदर सभी महकमों आदि की सूची मांगी है।
काबिले गौर है कि पावरकॉम की यह शिकायत रही है कि सरकारी महकमे बिल नहीं भरते और उनकी ओर करोड़ों रुपए की अदायगी बाकी है। खासतौर पर पुलिस, स्कूल, सिंचाई और जनस्वास्थ्य महकमे ऐसे हैं जिनकी ओर बिलों की अदायगी बाकी है।