समाज के हित में नहीं है अंगूर की बेटी की होम डिलीवरी वाला पॉयलट प्रोजैक्ट: डा. बग्गा

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    होशियारपुर (जनगाथा टाइम्स ) पंजाब सरकार द्वारा एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में शराब की होम डिलीवरी हेतु शुरु किए जा रहे पॉयलट प्रोजैक्ट को शुरु करने से पहले सरकार को इस योजना पर पुन: विचार करना चाहिए। पंजाब पहले ही नशों की मार झेल रहा है और देश में इसकी छवि धूमिल हो रही है। इतना ही नहीं सरकार की इस योजना से वे बच्चे जो नियमानुसार शराब नहीं खरीद सकते वे भी आसानी से घर बैठे ही अलग-अलग तरीकों से शराब मंगवाकर उसके आदि हो जाएंगे। इसके अलावा जो लोग ठेके पर शराब लेने जाने से बचते हैं व थोड़ी बहुत शर्म के चलते शराब के आदि नहीं वे भी होम डिलीवरी के शौकीन हो जाएंगे। सरकार को अपने थोड़े से फायदे के लिए समाज हितों को अनदेखा नहीं करना चाहिए व प्रदेश व समाज हित में इस पर पुन: विचार करना चाहिए।
    यह विचार सामाजिक जागरुकता हेतु कार्यरत संस्था सवेरा के कनवीनर डा. अजय बग्गा ने इस योजना पर चिंता प्रकट करते हुए व्यक्त किए। डा. बग्गा ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि अधिकांश पंजाबी शराब पीने के शौकीन हैं और सरकार को भी टैक्स के रुप में काफी रेवेन्यू आता है व इससे ख्जाना भरता है। इसलिए सरकार की कोशिश रहती है कि इसकी बिक्री में बढ़ोतरी होने से और रेवेन्यू आए। लेकिन इसके लिए शराब की होम डिलीवरी योजना को लागू किया जाना समाज हित में नहीं माना जा सकता। शायद इसलिए सरकार ने ही धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं और आबादी वाले इलाके से दूर शराब का ठेके खोलने का नियम बनाया हुआ है। कई बार लोग इसलिए भी शराब का सेवन नहीं करते कि उन्हें उसे लेने के लिए दूर जाना पड़ेगा। जिससे लोग इसके आदि होने से बचे रहते हैं। लेकिन अगर, सरकार ने इसकी होम डिलीवरी शुरु कर दी तो जहां कभी-कभार व छिप-छिप कर पीने वाले व बच्चों के इसके आदि होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता वहीं इससे सरकार के नशा मुक्त पंजाब बनाने की योजना पर भी ग्रहण लग जाएगा। बोतल में बंद अंगूरी की बेटी शराब की हर बोतल पर इसके सेवन से होने वाली हानि को दर्शाती चेतावनी भी लिखी होती है, इसे घर-घर पहुंचाने में सरकार योगदान डालने की तैयारी कर रही है। एक तरफ गुजरात व बिहार में लंबे समय से शराबबंदी लागू है और पंजाब में शराब को बढ़ावा दिया जाना कहीं न कहीं समाज को पथभ्रष्ट करने की तरफ अग्रसर करेगा। डा. बग्गा ने संस्था की तरफ से सरकार से अपील की कि इस योजना को शुरु करने से पहले इसके समाज पर पडऩे वाली हानिकारक प्रभावों का आंकलन जरुर किया जाए और समाज व प्रदेश हित में इस योजना को रद्द किया जाए।

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