आगामी पीढिय़ों को शुद्ध वातावरण देने हेतु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना हमारा कर्तव्य: संजीव अरोड़ा

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    होशियारपुर (जनगाथा टाइम्स ) भारत विकास परिषद होशियारपुर की तरफ से कस्बा हरियाना की नवनिर्वाचित शाखा के सहयोग से पालीथिन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करने हेतु एक कार्यक्रम विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से हरियाना में करवाया गया। प्रधान राजिंदर मोदगिल व शाखा प्रधान प्रदीप प्रभाकर की अगुवाई में करवाए गए इस कार्यक्रम में प्रदेश कनवीनर (पश्चिम पंजाब) प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। उपस्थिति को संबोधित करते हुए संजीव अरोड़ा ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए प्रदूषण पर नियंत्रण करना बहुत जरुरी है। इसके लिए गलने वाली एवं न गलने वाली वस्तुओं के कचरे को अलग-अलग रखने का प्रयास अपने अपने घर से करना होगा। इसके लिए सबसे जरुरी बात यह है कि हमें पालीथिन को पूरी तरह से न कहना होगा यानि कि इसके प्रयोग को पूरी तरह से नकारना होगा। ऐसा करने से पालीथिन के कारण बढ़ रहे प्रदूषण को न केवल कम किया जा सकता है बल्कि पूरी तरह से रोका जा सकता है। संजीव अरोड़ा ने कहा कि भाविप की तरफ से स्कूलों में बच्चों को पालीथिन का प्रयोग न करने के प्रति जागरुक किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। बच्चे जोकि इस मुहिम में सराहनीय योगदान डालते हुए न केवल खुद बल्कि घर में बड़ों को भी इसका प्रयोग कम करने की नसीहत करने लगे हैं। उन्होंने उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक बच्चों एवं युवाओं को पालीथिन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करें। पालीथिन का प्रदूषण वैश्विक समस्या के रुप में देखी जा रही है और विश्व स्तर पर ही इसके प्रभाव को कम करने के प्रयास जारी हैं। संजीव अरोड़ा ने बताया कि सरकार की तरफ से भी लोगों को गीला कचरा एवं सूखा कचरा अलग-अलग रखने की हिदायत की जा रही है और अपील के माध्यम से लोगों को समझाया भी जा रही है। श्री अरोड़ा ने कहा कि पालीथिन के प्रयोग को न कहने हेतु इस बात को हमारा शरीर पांच तत्वों का बना है, जल, अग्नि, वायु, सूर्य और आकाश से बना है और इस पृथ्वी पर इन्हीं से सारी सृष्टि का निर्माण हुआ है, के साथ जोड़ते हुए पर्यावरण शुद्धता के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि अगर यह सभी दूषित हो गए तो धरती पर जीवन की कल्पना किसी स्वप्न के समान होगी। जोकि हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए नरक जैसे हालात पैदा कर देंगी। इसलिए समय रहते हम धरती के प्रति अपने फर्ज को निभाएं।
    इस मौके पर राजिंदर मोदगिल एवं प्रदीप प्रभाकर ने कहा कि पालीथिन का कचरा ऐसा है जो जलाने के बाद भी नष्ट नहीं होता और इसके धूएं से कैंसर जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ती है। हजारों साल तक भी यह कचरा न तो गलता है और न ही कुदरती तौर पर नष्ट होता है। इसके कारण पैदा हो रहे हालातों से निपटने के लिए पालीथिन पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगाया जाना समय की मांग है और यह तभी संभव हो पाएगा जब हम सभी बाजार जाते समय एक बार फिर से अपने हाथों में थैला लेकर चलने की आदत डालेंगे। इसके अलावा तरल पदार्थ (दूध व दहीं आदि) खरीदते समय भी घर से बर्तन लेकर जाएं ताकि पालीथिन की पैकिंग को भी रोका जा सके। इस दौरान प्रदीप प्रभाकर ने उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों की तरफ से कहा कि सभी प्रतिनिधि अपने-अपने इलाके में लोगों को पालीथिन का प्रयोग न करने के प्रति जागरुक करेंगे ताकि उनका इलाका साफ सुथरा और प्रदूषण मुक्त बन सके। इस मौके पर सचिव हरियाना शाखा दीपक गुलेरिया व कोषाध्यक्ष पवन वशिष्ट, एच.के. नकड़ा, वरिंदर चोपड़ा, राजपूत सभा से मुकेश कुमार, करणी सेना से विनोद ठाकुर, ब्राह्मण सभा से पवन वशष्टि, किसान यूनियन से सुच्चा सिंह राजपूत, हिमांशू कोहली, शाम सैनी, चिंसी डडवाल, रणजीत राणा, रवि दत्त, मनोहर लाल आदि मौजूद थे।
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    फोटो कैप्शन : हरियाना में आयोजित बैठक को संबोधित करते संजीव अरोड़ा, साथ हैं राजिंदर मोदगिल, प्रदीप प्रभाकर व अन्य।

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