आगे बढ़ने और एक-दूसरे से प्रतिस्पर्द्धा की वजह से आज के युवा कई-कई घंटों तक लगातार काम करते हैं इसकी वजह से वे मानसिक तनाव के शिकार होते हैं। मानसिक तनाव की वजह से चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी आता है। एम्स में हुए एक शोध से पता लगा है कि मानसिक तनाव, गुस्सा, अल्कोहल का अत्यधिक सेवन और प्रदूषण ब्रेन स्ट्रोक की बड़ी वजह बन रहा है। देश में प्रति वर्ष करीब 16 लाख लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार होते हैं जिसमें से एक तीहाई की मौत हो जाती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूरोलॉजी विभाग की ओर से एम्स में इलाज कराने आए मरीजों पर एक अध्ययन किया गया जिसमें सामने आया कि मानसिक तनाव, गुस्सा, अल्कोहल और प्रदूषण ब्रेन स्ट्रोक की बड़ी वजह बन रहा है। करीब 17 फीसदी लोग मानसिक तनाव की वजह से ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हुए और करीब चार फीसदी लोगों में ब्रेन स्ट्रेक की वजह उनका गुस्सा बना। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के ज्यादा मामले सामने आए। लंबे समय तक काम करने से हृदय आघात का भी खतरा रहता है।
ऐसे पता लगता है स्ट्रोक का खतरा
एम्स न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ.कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि अब युवा भी काफी संख्या में ब्रेन स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह अल्कोहल और धूम्रपान का अत्यधीक सेवन करना है। देखा गया कि स्ट्रोक की वजह से 20 फीसदी ऐसे मरीजों की मौत हुई जिनकी उम्र 40 वर्ष से भी कम थी।
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स्ट्रोक के लिए बने कारण प्रतिशत
मानसिक तनाव 17.6
अत्यधीक अल्कोहल 10.7
क्लीनिकल इंफेक्शन 8.3
धूम्रपान 4.1
गुस्सा 4.1
ट्रामा 1.7
सर्जरी 1.7
इसके अलावा कुछ अन्य कारक भी स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार) बन सकता है स्ट्रोक की वजह उच्च रक्तचाप, मधुमेह, खून में चर्बी बढना, तनाव, जीवनशैली में आया बदलाव, धूम्रपान और मोटापा। शरीर का कोई भाग जब अचानक काम करना बंद कर दे और कुछ समय के बाद अपने आप ठीक हो जाये। अचानक से शरीर में बहुत तेज दर्द होना। आंख के आगे कुछ पल के अंधेरा छा जाना, बोलने में कभी अचानक से लडख़ड़ा जाना, सुबह जागने के बाद अचानक ऐसा लगे की हाथ काम नहीं कर रहा है, तो समझें की यह स्ट्रोक के लिए खतरे की घंटी है।
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