होशियारपुर। फ़िल्मी जगत। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राज कपूर ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई है। फिल्मी दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘शो मैन’ के नाम से भी जाना जाता है। राज कपूर ने अपने करियर में दो फिल्में एक्ट्रेस वहीदा रहमान के साथ भी की हैं, जिसमें ‘तीसरी कसम’, ‘एक दिल सौ अफसाने’ शामिल हैं। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान वहीदा रहमान और राज कपूर फैंस के बीच फंस गए थे। ऐसे में शो मैन को बचाने के लिए वहीदा रहमान उनके ऊपर ही बैठ गई थीं।
राज कपूर से जुड़ा यह खुलासा खुद वहीदा रहमान ने ‘द टेलीग्राफ’ को दिए इंटरव्यू में किया था। राज कपूर के बारे में बात करते हुए वहीदा रहमान ने कहा था, “हमें फिल्म की शूटिंग के लिए बीना जाना था और हम ट्रेन में सफर कर रहे थे, क्योंकि उस दौरान फ्लाइट्स नहीं होती थीं। जब शूटिंग खत्म हो गई तो मैं, राज जी, उनके दो दोस्त, मेरी बहन, मेरे हेयर ड्रेसर स्टेशन आने लगे।”
वहीदा रहमान ने किस्सा साझा करते हुए आगे कहा, “हम ट्रेन में बैठ गए और वो चल भी पड़ी, लेकिन बार-बार रुक रही थी तो हमें लगा कि कुछ तकनीकी खराबी होगी। लेकिन जब हमने बाहर देखा तो वहां हमें छात्रों की भीड़ नजर आई। वो चिल्ला रहे थे, ‘उतरो, उतरो देखना है हमें देखना है।’ तभी राज जी से किसी ने आकर कहा कि वे छात्र नेता से मिल लें, ऐसे में वह मिलने भी गए।”
वहीदा रहमान ने बीना की घटना के बारे में आगे बताया, “छात्रों ने बताया कि प्रोडक्शन टीम लगातार उन्हें गलत पता दे रही थी, जिससे वह ‘तीसरी कसम’ की शूटिंग पर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने राज जी से मुलाकात की, लेकिन मुझसे मिलने की मांग करने लगे। राज जी ने मना किया, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने धमकी दी कि हम ट्रेन को स्टेशन से आगे नहीं बढ़ने देंगे।”
वहीदा रहमान ने इस बारे में आगे कहा, “स्थिति हाथ से निकल गई। राज जी भी कंपार्टमेंट का दरवाजा बंद करके आ गए। लेकिन भीड़ गुस्सा हो गई थी और उन्होंने ट्रेन पर पत्थर मारना शुरू कर दिया। इन सबको देख राज जी को गुस्सा आने लगा, वो भीड़ को काबू करने के लिए बाहर जाने लगे, लेकिन हमें उन्हें रोकना पड़ा। उनके दोस्तों ने भी कहा कि लेडीज इनका ध्यान रखो।”
वहीदा रहमान ने राज कपूर के बारे में आगे कहा, “उन्हें बचाने के लिए मैंने, सईदा ने और मेरे हेयरड्रेसर ने राज जी को सीट पर बैठाया, मैं उनके ऊपर बैठ गई और मेरी बहन ने उनके पैर पकड़ लिये। वो बिल्कुल टमाटर की तरह लाल हो गए थे और बार-बार कह रहे थे कि मुझे जाने दो। ये सब बिल्कुल ड्रामे की तरह था, लेकिन किसी कॉमेडी से भी कम नहीं है।”