जालंधर। वांगमय क्षितिज की तीसरी काव्य गोष्ठी का आयोजन निर्धारित तिथि और निश्चित समय पर सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.ज्योति खन्ना जी ने निभाई और स्वागत भाषण डॉक्टर तनुजा तनु ने दिया ।हमेशा की तरह कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ ।जिसे डॉ .क्षमा लाल गुप्ता ने अपने मधुर स्वरों में किया ।मंच संचालन विभा कुमरिया शर्मा ने अपने सहज और सरल अंदाज़ में किया इस काव्य गोष्ठी में प्राची सचदेव , बृजबाला शर्मा, डॉ.ज्यन्ती त्यागी ,श्रद्धा शुक्ला ,डॉ . क्षमा लाल गुप्ता,डॉ. ज्योति खन्ना,डॉ. तनुजा तनु, विभा कुमरिया शर्मा, आदि कवयित्रियों ने अपने अपने समय पर कविताएँ पढ़ी । काव्य गोष्ठी के बाद डॉ. क्षमा लाल गुप्ता के द्वारा दृष्टि कोण प्रस्तुत किया गया । गोष्ठी में पढ़ी गई कविताओं में से प्राची सचदेव की कविता श्रृगार पर विचार – विमर्श हुआ, डॉ ज्यंती त्यागी की रचना पुलवामा , डॉ तनूजा तनु की कविता ‘ बीच का ‘विभा कुमरिया शर्मा की कविता मर्दानगी बृजबाला शर्मा की कविता मां की परात और डॉ. ज्योति खन्ना की कविता बचपन सभी अपने आसपास के विषय होने के बाद भी अनूठापन लिए हुए थे । डॉ क्षमा लाल गुप्ता ने धर्मवीर भारती की रचना कनुप्रिया को सबके समक्ष प्रस्तुत किया । इस अवसर पर विनीपैग कनाडा से डॉ. प्रीतपाल कौर चाहल गोष्ठी में नैटकर्क प्रॉब्लम के कारण कार्य क्रम में शामिल नहीं हो सकी जिसका हमेशा अफ़सोस रहेगा ।प्राची सचदेव के द्वारा धन्यवाद प्रस्तुत किया गया और कल्याण मंत्र के साथ ही कार्य क्रम का समापन हुआ