रेपो रेट बढ़ते ही इन बैंकों ने महंगा किया लोन, क्या एफडी पर भी बढ़ाएंगे ब्याज दरें?

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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को रेपो रेट (Repo Rate) में आधा फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद से ही बैंकों ने लोन पर ब्याज दरें (Interest Rates on Loan) बढ़ाना शुरू कर दिया है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं। इसे प्रमुख ब्याज दर के नाम से भी जानते हैं। बैंकों के लिए आरबीआई से कर्ज महंगा हुआ तो उन्होंने ग्राहकों के लिए लोन पर ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया। कई बैंकों में एक्सटर्नल बेंचमार्क के साथ लिंक होने के कारण रेपो रेट बढ़ते ही लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाती हैं।

इन बैंकों ने किया दरों में बदलाव
जिन कर्जदाताओं ने अपनी दरों में बदलाव किया है, उनमें आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक शामिल हैं। इन बैंकों ने रेपो रेट से जुड़ी बाहरी बेंचमार्क दरों को समायोजित किया है। आईसीआईसीआई बैंक ( ICICI Bank) की वेबसाइट के अनुसार, बाहरी बेंचमार्क उधार दर (I-BLR) 9.1% है। यह बैंक होम लोन पर 8.1% (रेपो दर + 2.7%) ब्याज दर की भी पेशकश कर रहा है।

बैंक ऑफ बड़ौदा में ये हैं ब्याज दरें

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने कहा है कि 6 अगस्त से एएए-रेटेड संस्थाओं के लिए रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट के तहत सबसे कम दर 7.6% होगी। बैंक की वेबसाइट के अनुसार, होम लोन की दरें 7.95% से 9.3% के बीच हैं।

एसबीआई ग्राहकों के लिए भी बढ़ जाएंगी दरें

एसबीआई की वेबसाइट अभी भी 7.55% (15 जून, 2022 से प्रभावी) से शुरू होने वाली पुरानी होम लोन दरें दिखा रही हैं। जबकि मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए दरें 0.50 फीसदी बढ़ जाएंगी। बैंक ने अभी तक दरों की नई सूची की घोषणा नहीं की है। आरबीआई ने शुक्रवार को रेपो रेट को 4.9 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया था।

रेपो रेट से जुड़े सभी लोन्स पर बढ़ेंगी दरें

आरबीआई के फैसले के बाद अब रेपो रेट से जुड़े सभी लोन्स पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी। अधिकांश होम लोन (Home Loan) रेपो रेट से लिंक्ड होते हैं। इसलिए होम लोन के ग्राहकों पर बड़ा असर पड़ने वाला है। ब्याज दरों में बढ़ोतर से उन्हें ईएमआई में अधिक रकम चुकानी होगी। वहीं, बैंकर्स का कहना है कि दरों में इजाफे का लोन डिमांड पर असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि दो साल से कोविड के चलते रही मंदी के बाद कर्ज की मांग बढ़ी है।

नहीं गिरेगी होम लोन की डिमांड
शनिवार को रिजल्ट की घोषणा करते हुए एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा कि उन्हें चालू वित्त वर्ष के दौरान क्रेडिट ग्रोथ के 15% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। बैंक आक्रामक रूप से जमा नहीं बढ़ा रहा है, क्योंकि इसका क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो 63% है, जो इसे अपनी लोन बुक में इजाफा करने का अवसर देता है। एचडीएफसी के वीसी और सीईओ केकी मिस्त्री ने भी कहा कि उन्हें दरों में बढ़ोतरी के कारण होम लोन की मांग में गिरावट की उम्मीद नहीं है।

क्या बढ़ेंगी एफडी पर ब्याज दरें?

रेपो रेट में बढ़ोतरी का एक और असर ग्राहकों पर देखने को मिलता है। जमाओं पर ब्याज दरें बढ़ जाती हैं। पिछले महीनों में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी के साथ ही कई बैंकों ने एफडी पर दरें बढ़ाई हैं। हालांकि, जिस तरह से लोन पर दरें बढ़ीं, वैसे एफडी (Interest Rates on FD) पर नहीं बढीं। इस बार भी ग्राहकों के लिए ज्यादा अच्छी खबर नहीं है। एफडी की दरों में वृद्धि काफी धीमी रहने का अनुमान है। इसका बड़ा कारण यह है कि सिस्टम में लिक्विडिटी सरप्लस है। अधिकांश बैंक मार्जिन बढ़ाने के लिए उच्च क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो चाहते हैं।

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