मुकेश अंबानी की Z+ सिक्योरिटी में 58 कमांडो और इजराइल से ट्रेंड 20 गार्ड्स की सिक्योरिटी में रहते हैं बिजनेसमैन

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नेशनल : सुप्रीम कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अंबानी और मुंबई में उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा हाईकोर्ट के फैसले पर बुधवार को रोक लगा दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र की याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें हाईकोर्ट के 31 मई और 21 जून के दो आदेशों को चुनौती दी गई थी।  त्रिपुरा हाईकोर्ट ने विकास सिन्हा की ओर से दायर जनहित याचिका पर दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि अंबानी को खतरे के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई मूल फाइल सौंपी जाए जिसके आधार पर अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा दी गई थी।

मुकेश अंबानी की सुरक्षा पर एक नजर
साल 2013 के दौरान तत्कालीन सरकार द्वारा मुकेश अंबानी व उनके परिवार को जेड (Z) सिक्योरिटी दी गई थी। हालांकि, बाद में इसे जेड प्लस में बदल दिया गया क्योंकि उन पर आतंकी हमले की आशंका जताई गई थी। मुकेश अंबानी देश के ऐसे पहले बिजनेसमैन हैं जिन्हें Z सिक्योरिटी दी गई।

सिक्योरिटी का खर्चा खुद उठाते हैं मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी व उनके परिवार की सिक्योरिटी पर हर माह करीब 15-20 लाख का खर्च आता है और वह इसके लिए खुद भुगतान करते हैं। अधिकतर मामलों में इसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है लेकिन मुकेश अंबानी खुद इसका खर्च उठाते हैं। सुरक्षा कवर के तहत अंबानी के काफिले में NSG, CRPF और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की 6 से 8 गाड़ियां चलती हैं।

अंबानी के सुरक्षा कवर में इजराइल से ट्रेंड करीब 20 प्राइवेट गार्ड्स भी हैं। अंबानी के काफिले की सभी गाड़ियां बुलेटप्रूफ हैं। मुकेश खुद अपनी 2.5 करोड़ रुपए की कीमत वाली बुलेटप्रूफ मर्सिडीज कार में चलना पसंद करते हैं। उनके सुरक्षा गार्ड काफिले में मौजूद मर्सिडीज, रेंज रोवर की एसयूवी में चलते हैं।

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