मोहाली : जिला अदालत ने आई.ए.एस. संजय पोपली और उनके सहायक सचिव संदीप वत्स को 4 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सोमवार को सीवरेज बोर्ड में तैनाती के दौरान करोड़ों रुपए की अदायगी की एवज में ठेकेदार से 1 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप में आई.ए.एस. संजय पोपली और उनके सहायक सचिव संदीप वत्स को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने केस की जांच का हवाला देते हुए दोनों आरोपियों के 7 दिन के रिमांड की मांग की थी। वहीं, अदालत से जाते समय आई.ए.एस. पोपली ने पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी। उन्होंने केवल इतना ही कहा कि नियम के तहत वह कुछ बोल नहीं सकते हैं।
केस को लेकर 35 ठेकेदारों से करनी है पूछताछ
अदालत में सुनवाई के दौरान विजिलेंस ने दलील दी कि आई.ए.एस. पोपली पर वॉटर एवं सीवरेज बोर्ड का सी.ई.ओ. रहते हुए सहायक सचिव की मदद से ठेकेदार से 7 करोड़ से अधिक की रकम के प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद जारी होने वाली रकम के लिए 1 प्रतिशत कमीशन लिए जाने के आरोप हैं। केस की जांच के संबंध में विजिलेंस अब 30 से 35 ठेकेदारों से पूछताछ करेगी जिसके चलते ही 7 दिन के रिमांड की मांग की गई थी।
वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि विजिलेंस ने जांच करने के बाद ही केस दर्ज किया है। उसके पास केस के संबंध में वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है तो ऐसे में आरोपियों से लंबी पूछताछ की क्या जरूरत है।
बचाव पक्ष ने दलील दी कि विजिलेंस ने जिस वीडियो के आधार पर केस दर्ज किया है, वह फरवरी माह की बताई जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर शिकायत देने में इतना समय क्यों लगाया गया। जिस वीडियो के आधार पर केस दर्ज किया गया है उसमें आई.ए.एस. संजय पोपली नहीं है।