सरकारी अस्पतालों में बैडो की कमी, सरकारों को दूसरे उपायों पर करना चाहिए विचार- कमल चौधरी

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    डिफेंस कमेटी के पूर्व चेयरमैन तथा प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य कमल चौधरी ने कहा हैं कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में बैडो की कमी को देखते हुए सरकारों को दूसरे उपायों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में सभी सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल कॉलेज बच्चों के लिए बंद हैं। ऐसे में प्रत्येक जिले में कुछ अच्छे स्कूलों तथा कॉलेजों को अस्थाई अस्पतालों में तब्दील करके जरूरतमंदों को वहां पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।उन्होंने कहा कि ऐसा करते समय सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे प्रत्येक सेंटर पर किसी ना किसी सरकारी मेडिकल अधिकारी की नियुक्ति हो ताकि उसकी निगरानी में कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया जा सकें। उन्होंने कहा कि जिस कमरे में कोरोना के रोगी को रखा जाए उसके पास वाला कमरा उसके किसी परिवारिक सदस्यों को दिया जाए ताकि मरीज अपने आप को अकेला महसूस ना करें और घर वालों को भी पता चलता रहे कि उनके मरीज को कौन सा इलाज दिया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी रोगियों का इलाज निशुल्क किया जाए। उन्होंने कहा कि मरीज चाहे छोटी उम्र का हो अथवा बुजुर्ग सभी का जीवन देश के लिए जरूरी हैं। यही देश की संपत्ति हैं। इसे हर हालत में संभाल कर रखना हैं।

    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले के मामलों की निगरानी रखनी चाहिए। जहां पर भी उसे कुछ ढील दिखाई दे वहां पर तुरंत कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग वालंटियर के तौर पर कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों की सेवा करते हैं। उनके लिए स्पेशल इंसेंटिव घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा पिछली बार की तरह फ्रंटलाइन वर्कर का इंश्योरेंस भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए लोगों को सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करना जरूरी बनाया जाना चाहिए।

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