होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)
होशियारपुर: निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देकर देर से ही सही पर निर्भया को इंसाफ मिल गया है। उक्त बात प्रसिद्द समाज सेवक अश्विनी छोटा ने कही। उन्होंने कहा कि फांसी से लोगों के मनों में इंसाफ की उम्मीद जगी है और आने वाले समय में ऐसे दुष्कर्मी ऐसे घिनौने कार्य करने से पहले 100 बार सोचेंगे। उन्होंने सरकार व कोर्ट से रेप मामलों को जल्दी निपटाने व सख्त सज़ा देने को लेकर बात करते हुए कहा कि ऐसे मामलों को जल्दी से जल्दी निपटाने पर विचार सरकार व कोर्टों को करना चाहिए तथा सख्ती दिखाते हुए ऐसे दर्रिदों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। जब हैदराबाद कांड के आरोपियों का एनकाऊंटर हुआ था तो लोग के दिलों को शांति मिली थी तथा हैदराबाद की पीडि़त लडक़ी व उसके परिवारिक सदस्यों को इंसाफ मिल गया है ऐसा महसूस हुआ था। निर्भया कांड के दोषियों को 7 वर्ष के बाद फांसी हो पाई है। अश्विनी छोटा ने कहा कि चारों आरोपियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद अब दुष्कर्म करने की सोचने वाले आरोपियों में डर पैदा होगा । उन्हें भी लगेगा कि उनका हश्र भी इन चारों आरोपियों की तरह होना करीब-करीब तय होगा।
उन्होंने कहा कि कितनी अजीब विडंबना है कि जो लोग दुष्कर्म करते समय हर सीमा को पार कर जाते हैं फांसी के खौफ से अपने आप को नाबालिक साबित करने का ढोंग रचने लगते हैं। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म में शामिल व्यक्ति चाहे किसी भी आयु का क्यों ना हो उसे पूरी सजा मिलनी चाहिए क्योंकि जब यह लोग जुर्म करते समय किसी का लिहाज नहीं करते तो कानून को भी उन्हें किसी तरह की छूट नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फांसी पर लटकाए जाने से 1 दिन पहले तक भी इन लोगों ने हर कानूनी विकल्प का सहारा लिया ताकि फांसी को टाला जा सके पर न्यायालय ने रात को ही इनकी हर अर्जी को खारिज करते हुए इन्हें इनके जुल्म की सजा तक पहुंचा दिया।
उन्होंने कहा कि दुष्कर्म आरोपियों के लिए अलग से कोर्ट बनाई जाए और एक समय सीमा के भीतर उनके मामले निपटा कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। इसके लिए कानून में संशोधन करना पड़े तो वह भी किया जाना चाहिए