कैप्टन द्वारा कोरोना पीड़ित के लिए राहत ऊंट के मुँह में जीरे से भी कम,मानसिक दिवालिया हो चुकी कैप्टन सरकार-तीक्ष्ण सूद

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    होशियारपुर(हैप्पी कलेर )पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद,जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा,पूर्व मेयर शिव सूद,जिला महामंत्री विनोद परमार आदि नेताओं ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सभी राज्य सरकारों ने अपनी तरफ से कोरोना पीड़ितों को भारी राहतें दी है।लेकिन पंजाब की कैप्टन सरकार में इस मामले को लेकर संवेदनहीनता दिखाई दे रही है।कोरोनाकाल में बीमारी से ग्रस्त लोगों का उपचार करवाना तथा बीमारी की रोकथाम के लिए योग्य प्रबंधन सरकार को जिम्मेदारी है।जिसमें कैप्टन सरकार नाकाम साबित हुई है।केंद्र से भेजे गए वेंटिलेटर भी कैप्टन सरकार की अव्यवस्था का शिकार हो गए।उन्हें चलाने के लिए न तो योग्य स्टाफ है और न ही उन वेंटिलेटर की ठीक से संभाल हो रही है।
    उन्होंने बताया कि लोकडाउन लगने के कारण बेरोजगारी तथा आर्थिक मंदी से निपटना भी इस नामुराद बीमारी से निजात पाने के समान ही एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।ऊपर से कोविड के मरीज़ों की संख्या न बढ़े इसके इसके लिए लगाए गए लोकडाउन के नियमों का जलूस खुद सरकार ही निकाल रही हैं।किसी और से क्या उम्मीद की जा सकती है।
    भाजपा नेताओं ने कहा कि कैप्टन द्वारा कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को 1500 रु पेंशन,और ग्रेजुएशन तक मुफ़्त पढ़ाई व 51,000रु आशीर्वाद स्कीम को शामिल करने की घोषणा हास्यपद हैं।
    भाजपा नेताओं ने कहा कि कैप्टन सरकार कोरोनाकाल में हर फ्रंट पर बुरी तरह से फेल हुई है।कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी लड़ाई भी कोरोना से लड़ाई में बाधक सिद्ध हो रही है।कोरोना पीड़ितों को राहत की घोषणा ऊँट के मुँह में जीरे से भी कम है।यह कैप्टन सरकार द्वारा सिर्फ लोगों का ध्यान बांट कर उन्हें बेवकूफ बनाने की नई तरकीब है।

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