केंद्रीय कर्मचारियों को ज़ोर का झटका धीरे से – जानिए कैसे !

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स : (सिमरन)

    होशियारपुर : भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा पत्र फा सं 1/1/20-ई- ii (वी) दिनांक 23-04-20 जारी करते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं पैंशनभोगियों को 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 तक देय महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्त का भुगतान ना करने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है। हालांकि इसी पत्र में यह भी अंकित है कि जैसे ही सरकार द्वारा 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की भावी किस्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाता है तो इन रोकी गई दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा। परंतु 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि का कोई बकाया नहीं दिया जाएगा। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशन भोगियों पर भी लागू होगा।

    पी एस ई बी इंप्लाइज फैडरेशन पंजाब के पैटर्न कर्मचंद भारद्वाज की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई मीटिंग में केंद्र सरकार के इस कर्मचारी विरोधी लिए गए फैसले की घोर निंदा की गई। बाद में फैडरेशन के सचिव राकेश भार्गव ने जनगाथा टाईम्स से बात करते हुए कहा इस नाजुक समय में सरकारी कर्मचारी भारत एवं प्रादेशिक सरकारों से कंधे से कंधा मिलाकर अपनी जान की भी प्रवाह ना करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, ऐसे समय जब उनको इस आपदा से लड़ने के लिए और भी उत्साहित किया जाना चाहिए था उन्हें निरूत्तसाहित किया गया है।

    भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन कोई भी विभाग ऐसा नहीं होगा जिस के कर्मचारियों ने अपने वेतन का बड़ा भाग इस महामारी के विरुद्ध लड़ने के लिए अर्पित ना किया हो। उन्होंने डर व्यक्त किया के ऐसे फैसले सुना कर केंद्र सरकार के कर्मचारी एवं पेंशनरों को ही आघात नहीं पहुंचाया गया है, वल्कि इसका सीधा प्रभाव प्रादेशिक कर्मचारियों एवं पेंशनरों के ऊपर भी पड़ेगा। क्योंकि प्रादेशिक सरकारें तो पहले से ही डी ए की बहुत सी किश्तें रोके बैठी हैं।

    इस मौके जनरल सचिव सिकंदर नाथ, पूर्ण गुमटी, बृजलाल, प्रधान बलविंदर सिंह, गोविंद कांत झा, कर्मचंद खन्ना एवं सुरेंद्र सिंह सुनाम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सर्वसम्मति से लिए निर्णय के अनुसार भारत सरकार से अनुरोध किया गया कि वह पुनः इस फैसले पर विचार करे और कर्मचारियों को निरुत्तसाहित ना करे।

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