किसी संजीवनी से कम नहीं संजीव की ओर से की जा रही तंदुरु स्त खेती,डीसी ने की प्रगतिशील किसान की प्रशंसा

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    होशियारपुर (रुपिंदर ) प्रगतिशील किसान संजीव की ओर से की जाती तंदुरु स्त खेती किसी संजीवनी से कम नहीं है, क्योंकि बी.एस.सी. की योज्यता रखने वाले इस किसान की ओर से पी.ए.यू. व कृषि विभाग की सिफारिश के अनुसार रसायन मुक्त प्राकृतिक कृषि ही की जा रही है। इसके अलावा पत्नी व बेटे के साथ मिलकर डेयरी, बागवानी व वर्मी कंपोस्ट जैसे सहायक धंधे भी अपनाए हुए हैं, जिससे आर्थिक तौर पर तो मजबूती मिली ही है, साथ ही यह परिवार आधुनिक व उन्नत खेती के रास्ते पर चलने के कारण अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा ोत बना हुआ है।
    डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अपनीत रियात ने प्रगतिशील किसान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वैकल्पिक व रसायनमुक्त कृषि वर्तमान समय की मुख्य जरु रत है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसली चक्र से निकल कर तंदुरु स्त व उन्नत कृषि के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने किसानों को अपनी आय में और वृद्धि करने के लिए अधिक से अधिक सहायक धंधे अपनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि सहायक धंधे अपनाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हर रविवार रोशन ग्राउंड में लगने वाली सेफ फूड मंडी काफी सहायक साबित हो रही है। इस मंडी में किसान रसायन मुक्त फल, सब्जियां व अन्य वस्तुएं बेच रहे हैं।
    होशियारपुर के गांव दादामाड़ा के प्रगतिशील किसान संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी ओर से बागवानी के अंतर्गत 40 किस्म के फल पैदा किए जा रहे हैं, जिनमें अनार, सेब, खुमानी, अमरु द, नाशपाती, बेर, जामुन, लीची, चीकू, निंबू, हरड़, बहेड़ा, आवंला व आम प्रमुख तौर पर शामिल है। इसके अलावा 30 किस्म की सब्जियां भी उगााई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उसकी ओर से मल्टी लेयर फार्मिंग की तकनीक अपना कर एक सीजन में एक स्थान से कई सब्जियां पैदा की जा रही हैं। इसके अलावा जहां वह गाय के गोबर से अलग-अलग तरह की खाद बनाते हैं, वहीं गोबर से ही बायो गैस बनाकर रसोई में उसका प्रयोग भी करते हैं। अब उनकी ओर से वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य भी शुरु किया जा रही है, जिसकी मार्किटिंग भी वे स्वंय करेंगे।
    संजीव कुमार ने डेयरी फार्मिंग में उत्तम नस्ल की 20 गाय रखी हैं व गाय के दूध व उससे बने पनीर की काफी डिमांड है, क्योंकि प्राकृतिक तरीके से ही गाय के लिए चारा तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि पत्नी रीटा शर्मा व बेटा कार्तिकेय शर्मा के सहयोग से उत्पादन से लेकर मार्किटिंग का सारा काम खुद परिवार की ओर से किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में उनको आनंद आता है, क्योंकि वे प्राकृतिक तौर पर अपने उत्पाद पैदा करते हैं, जिससे लोगों को अच्छी सेहत मिल रही है। उन्होंने बताया कि वे इनोवेटिव फार्मस एसोसिएशन के सदस्य और पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन की ओर से भी उनको मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि वे अपने उत्पाद हर रविवार जहां सेफ फूड मंडी में बेचते है वहीं कुमार अस्पताल ऊना रोड के बाहर भी उनका सेल प्वाइंट है।
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