आरोप-प्रत्यारोप की बजाए मिलजुल कर कोरोना संकट से लड़ें राजनीतिक पार्टियां: डा. बग्गा

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    होशियारपुर : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रात्यारोप की राजनीति छोडक़र समस्त राजनीति पार्टियों को मिलकर इस संकट का सामना करना चाहिए ताकि हम अपने देश को इस संक्रमण से बचा सकें। आज हमारा भारत देश ब्राजील को पीछे छोड़ते हुए विश्व में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण दूसरे नंबर पर आ गया है तथा अमेरिका पहले नंबर पर हैं। अगर, यही हालात रहे तो जल्द ही अमेरिका को भी पछाड़ जाएंगे। जिससे हालात और खराब होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए यह समय टांग खींचने का नहीं हैं बल्कि हर राज्य की सरकार केंद्र सरकार के साथ आपसी समन्वय बनाकर कोविड-19 के प्रभाव को रोकने की तरफ ध्यान केंद्रित करें। यह विचार सामाजिक जागरुकता हेतु कार्यरत संस्था सवेरा के कनवीनर डा. अजय बग्गा ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में व्यक्त किए।

    डा. बग्गा ने कहा कि पंजाब के अलावा 4 अन्य राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, केरल एवं ओडीशा व यू.टी (जे एडं के) में रविवार को एक ही दिन में ही कोरोना मरीजों की संख्या में रिकार्ड वृद्धि होना चिंता का विषय हैं तथा यहां पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की सरकारें सत्ता आसीन हैं। कोरोना के बढ़ते संकट को कम करने के लिए कई अहम कदम उठाए जाने अभी भी बाकी हैं। केरल में 19 साल की कोरोना संक्रमित महिला को शिफ्ट किए जाने दौरान एम्बुलैंस के ड्राइवर द्वारा रेप किया जाना हमारी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहा हैं। यह घटना बहुत ही निंदनीय एवं दुखदायी हैं। इस घटना को अंजाम देने वाले ड्राइवर को जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए ताकि यह ऐसा सोचने वाले अन्य लोगों के लिए सबक हो। समस्त धर्मों के प्रचारकों एवं धर्म स्थानों पर विराजमान संत समाज व पीठाधीश्वरों को चाहिए कि वे लोगों को जागरुक करने में अपनी भूमिका को सकारात्मक निभाते हुए उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सभी हिदायतों की पालना को यकीनी बनाने की प्रेरणा करें।

    डा. बग्गा ने कहा कि विश्व में कोरोना संकट के समय हमने सबसे पहले परहेज करना शुरु किया था तथा शुरु-शुरु में हमने इस पर काफी हद तक काबू भी पा लिया था। मगर, अब जबकि हमें ज्यादा एहतियात की जरुरत है तो अधिकतर लोग सरकार द्वारा दी जा रही छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिसके चलते स्थिति चिंताजनक बनती जा रही हैं। इसलिए जहां सरकारों को और भी पुख्ता एवं प्रभावशाली कदम उठाने की जरुरत हैं वहीं आम जनमानस को भी कोरोना संक्रमण के खतरे को समझते हुए हिदायतों का खुद ही सख्ती के साथ पालन करना यकीनी बनाना होगा। ऐसा होने पर ही हम कोरोना संकट का हरा पाएंगे, अन्यथा आने वाले समय में हालात और भी खराब होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

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