होशियारपुर ( रुपिंदर ) पंजाब सरकार की ओर से प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए खोले गए ओ.ओ.ए.टी. सैंटरों व नशा मुक्ति केंद्रों में सैंकड़ों नौैजवान इलाज करवा कर नए सिरे से अपनी जिंदगी जी रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर श्रीमती ईशा कालिया ने बताया कि होशियारपुर में नशे की बुरी आदत का शिकार हो चुके व्यक्तियों के नि:शुल्क इलाज के लिए इस समय जिले में 16 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक (आउट पेशेंट ओपियाड असिस्टड ट्रीटमेंट), दो नशा छुड़ाओ केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर व सिविल अस्पताल दसूहा व एक नशामुक्ति पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ होशियारपुर मेें चलाए जा रहे है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ओ.ओ.ए.टी.सैंटरों में नशे की आदत का शिकार हो चुके व्यक्तियों को नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करने के साथ- साथ डाक्टरों की ओर से अपनी उपस्थिति में रोजमर्रा की नि:शुल्क दवा दी जा रही है। अब तक इन ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों व नशा मुक्ति पुर्नवास केंद्रों से अनेक व्यक्ति इलाज करवा कर अपना अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में नशा विरोधी सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सब-डिविजन स्तर पर विशेष गतिविधियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान नशे के खिलाफ जागरु कता घर-घर पहुंचाई जाएगी, ताकि समाज को नशा मुक्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से डैपो अभियान भी शुरु किया गया है, जो समाज को नशा मुक्त बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहा है।
उधर होशियारपुर का 27 वर्षीय मनजिंदर(काल्पनिक नाम) जो कि नशे के चंगुल में फंस चुका था लेकिन आज मजबूत इरादे व नशा मुक्ति पुर्नवास केंद्र के इलाज के चलते नशे से मुक्ति पा चुका है। मनजिंदर एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के तौर पर नौकरी करता था। वह 19 वर्ष की आयु से ही नशे का आदि हो गया था और 25 वर्ष तक लगातार उसने अलग-अलग तरह के नशे जिसमें चूरा पोस्त, अफीम, कोकिन, हैरोइन, बुप्रीनौरफिन, क्लोरोफिन आदि का सेवन किया। इस दौरान उसने अपनी नौकरी भी छोड़ दी, परिवार के लोग मनजिंदर की इस आदत से बहुत परेशान थे और उन्होंने उसे नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र में दाखिल करवाने का सोचा। जिस समय मनजिंदर को यहां दाखिल करवाया गया, उस दौरान उसकी मंगनी हो गई थी और शादी को दो महीने बचे थे। दाखिल करने के उपरांत जब उसका मैडिकल टैस्ट करवाया गया तो उसे काला पीलिया था। इस बीच मनजिंदर का नशा छुड़ाने के साथ-साथ उसका काला पीलिया का भी इलाज करवाया गया। यहां लगभग एक महीना इलाज करवाने के बाद उसने नशे को छोड़ फिर से अपने नए जीवन की शुरु आत की और तय तारीख को मनजिंदर भी शादी भी हो गई। आज वह अपनी योज्यता अनुसार एक अच्छी नौकरी कर रहा है।
मनजिंदर ने बताया कि उसके इलाज को दो वर्ष हो गए हैं लेकिन उसने दोबारा नशे को हाथ नहीं लगाया। उसने नौजवानों से अपील करते हुए कहा कि जिंदगी बेशकीमती है और इसे नशे में खराब न करें। उसके पारिवारिक सदस्य मां और पत्नी ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नशा मुक्ति व पुर्नवास केंद्र ने मनजिंदर को नई जिंदगी दी है। उन्होंने नशे के आदि नौजवानों को अपील करते हुए कहा कि वे भी समय पर ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक व नशा छुड़ाओ केंद्र में अपना इलाज करवा कर इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।
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