होशियारपुर(शाम शर्मा) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। जिस में संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरूदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी कृष्णप्रीता भारती जी ने उपस्थित प्रभु प्रेमियों को सबोधित करते कहा कि संसार में मनुष्य जन्म ही अन्य सब जन्मों की उपेक्षा श्रेष्ठ है। पशु आदि हीन योनियां जड़ या मन्दबुदि है। देवता भी मनुष्य जन्म लिये बिना मुक्ति लाभ नहीं कर सकते। लेकिन कितना आश्चर्र्र्र्य है। कि उतम जीवन प्राप्त करके भी मनुष्य कभी सत्य को प्राप्त करने की चेष्ठा नहीं करता।
साध्वी जी ने कहा कि आज समाज में अशांति किसी पशु यां जानवर नही फै ला रहा बल्कि अपने स्वरूप से अनभिज्ञ भौतिक पदाथा की दौड़ में लगा मनुष्य ही फ ैला रहा है। लेकिन हमारे शास्न्न हमें बताते है कि मनुष्य को क्या करना है। क्या नहीं करना है। सबसे पहले हमें स्वयं सत्य तक पहुचना है। शास्न्न के आधार पर जीवन जीना है। दुसरो को शान्त करने से पहले खुद शान्त होना होगा। और आनन्द का खजाना ईश्वर है जो केवल मनुष्य जीवन में प्राप्त किया जा सकता है। इतिहास में हम देखते है कि सभी युगों में निष्काम शुद्ध स्वभाव साधु-महापुरूष मनुष्य को समझाने के लिए आए है। इन्ही की सहायता से अपना जीवन सफ ल करना है।
अंत में साध्वी जी ने कहा कि यह जीवन ईश्वर भक्ति के लिए मिला है। ईश्वर भक्ति की शुरूआत किसी ब्रहमनिष्ठ गुरू द्धारा दिव्य नेन्न प्राप्त कर ईश्वर साक्षत्कार करने पर होती है। शंान्ति व आनन्द का सोन्न केवल ईश्वर है जो भक्ति द्धारा प्राप् त किया जा सकता है।