होशियारपुर (जनगाथा टाइम्स ) धान की पराली व अवशेष का खेत में ही प्रबंधन करने के लिए जहां सरकार की ओर से सब्सिडी पर आधुनिक खेती मशीनरी मुहैया करवाई जा रही है, वहीं अब बेहतरीन पहल करते हुए सी.एच.सी. फार्म मशीनरी मोबाइल एप लांच किया गया है। इस एप के माध्यम से किसान पराली के प्रबंधन के लिए घर बैठे ही कृषि उपकरण कम खर्चे व बहुत ही कम समय में आन लाइन बुकिंग करवा कर मंगवा सकता है। सरकार की ओर से किसानों की कृषि मशीनरी संबंधी समस्याओं के निपटारे के लिए लांच किया यह नया एप किसानों के लिए बहुत लाभप्रद साबित होगा। एप पर सरकार द्वारा इन मशीनों को किराए पर लेने के लिए वाजिब रेट निर्धारित किए गए हैं। जो किसान कृषि मशीनरियों की ज्यादा कीमत होने के कारण खरीद नहीं सकते, उन किसानों के लिए यह एप काफी सहायक साबित होगा।
– आग लगाने के स्थान पर धान की पराली का खेत में ही प्रबंधन करने पर दिया जोर
जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर श्रीमती ईशा कालिया ने धान की पराली, अवशेष का खेतों में ही प्रबंधन करने पर जोर देते हुए कहा कि पराली को आग लगाने के रु झान को रोकने के लिए सरकार की ओर से यह विशेष प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में 76 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए हैं, जिनमें आधुनिक कृषि मशीनरी किराए पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इन सभी 76 फार्म मशीनरी बैंकों को भी मोबाइल एप पर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही इन-सीटू सी.आर.एम. योजना के अंतर्गत 80 प्रतिशत ग्रुप सब्सिडी व 50 प्रतिशत व्यक्तिगत सब्सिडी प्राप्त करने वाले कस्टम हाइरिंग सैंटर, कोआप्रेटिव सोसायटीज व किसान इस एप में सी.एच.सी मालिक, सेवा प्रदाता के तौर पर रजिस्टर किए गए हैं। इसके साथ-साथ सेवा देने वाले ग्रुपों, किसानों के पास उपलब्ध कृषि मशीनें, उपकरणों का विवरण(मशीनों के नाम, तकनीक विस्तार, किराया, रेट) भी दर्ज किया गया है।
श्रीमती ईशा कालिया ने बताया कि किसान अपनी मर्जी के अनुसार उपलब्ध सेवा प्रदाता के साथ संपर्क कर आनलाइन बुकिंग कर घर बैठे कृषि मशीनरी, उपकरण मंगवा सकता है। इसके अलावा किसान अपने ठिकाने से 5 किलोमीटर, 20 किलोमीटर व 50 किलोमीटर की सीमा में उपलब्ध सेवा प्रदाता की खोज कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसान को एप में किसान, उपयोग करने वाले के तौर पर दर्ज होना होगा व बुनियादी विवरण जैसे कि नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड नंबर, गांव, ब्लाक, मोबाइल नंबर, खेती का रकबा व जिला भी दर्ज करना पड़ेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि रजिस्टर करने के बाद किसान, सेवा प्रदाता, सी.एच.सी, मालिक व सोसायटी आदि को मोबाइल के माध्यम से यूजर आई.डी व पासवर्ड प्राप्त होगा, जिसको भरकर वह अपनी प्रोफाइल देख सकेगा व इस एप का लाभ ले सकेगा। उन्होंने बताया कि किसान की सुविधा के लिए यह एप पंजाबी सहित कुल 15 भाषाओं में उपलब्ध है। हर एक किसान सोसायटी संस्था आदि जिसके पास कृषि मशीन, उपकरण उपलब्ध हो, वे इस मोबाइल एप पर रजिस्टर कर सकता है व अपनी कृषि मशीने किराए पर उपलब्ध करवा सकता है। इसके अलावा इस मोबाइल एप में कृषि मशीने, उपकरण की खरीद व बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध है।
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