मौत को हराकर जल्द ‘अमर’ हो जाएंगे इंसान! स्पेन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद किया बड़ा खुलासा !

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इंटरनेशनल : कहा जाता है कि इस धरती पर कुछ भी अनश्वर नहीं है, जो भी यहां आया है, उसे एक दिन जाना है। हमारे वेद पुराणों में भी अमरत्व को लेकर ऐसी चर्चा है. लेकिन, आज तक ऐसा कोई जवाब नहीं मिला, जो अमरता के रहस्य को खोल सके। देवी-देवताओं को छोड़ दें तो पुराणों में स्पष्ट लिखा है कि इंसान का शरीर नश्वर है, लेकिन इस दावे को स्पेन के वैज्ञानिक चुनौती देने जा रहे हैं। हाल ही में स्पेन की एक यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने जेलीफिश पर एक रिसर्च किया और उस रिसर्च के आधार पर उम्मीद की जा रही है कि वे बस अमरत्व से एक कदम की दूरी पर हैं

स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो के डिपार्टमेंट ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के रिसर्चर ने धरती के इकलौते ऐसे जीव पर एक्सपेरिमेंट किया है, जिसे अमरत्व के करीब माना जाता है। वह जीव जेलीफिश है, जिसे टरीटॉप्सिस डोहरनी के नाम से भी जाता है। इस जीव में वापस युवावस्था में लौटने की क्षमता होती है, यानी कि जब इसके शरीर में कोई क्षति पहुंचती है तो वह खुद फिर से युवा बना लेता है। इस तरह से वह जब तक चाहे, तब तक जीवित रह सकता है।

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित इस स्टडी को कंपैरेटिव जीनोमिक्स ऑफ मोर्टल एंड इम्मोर्टल निडेरियन्स अनवील्स नोवेल कीज बिहाइंड रिजुवेनेशन कहा जाता है। इस रिसर्च के जरिए वैज्ञानिकों ने उम्र को कम करने वाली जेलीफिश के जीनोम को अनुक्रमित किया और डीएनए के सटीक हिस्से को अलग करने में कामयाब रहे। इसी हिस्से का उपयोग करके जेलीफिश अपनी उम्र कम करके खुद को दोबारा युवा बना लेता है।

यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ ओविएडो के डॉ. कार्लोस लोपेज-ओटिन के नेतृत्व में हुआ। इनकी टीम ने जेलीफिश के आनुवंशिक अनुक्रम को उनकी लंबी उम्र के रहस्य का पता लगाने और मानव उम्र बढ़ाने के नए सुराग खोजने की उम्मीद को देखते हुए मैप किया। उन्होंने यह पता लगाया कि टी. डोहरनी के जीनोम में भिन्नताएं हैं जो इसे डीएनए की प्रतिलिपि बनाने और मरम्मत करने में बेहतर बना सकती हैं और वे टेलोमेरेस नामक गुणसूत्रों के सिरों को बनाए रखने में बेहतर प्रतीत होते हैं। वहीं, मनुष्यों में उम्र के साथ टेलोमेयर की लंबाई कम होती दिखाई गई है।

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