मुंबई। फ़िल्मी जगत। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और फिल्मों के मशहूर विलन प्रेम चोपड़ा आज भी अपने नेगेटिव रोल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने लगभग 320 फिल्में की है और हर फिल्म में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में नाम और शौहरत दोनों कमाई है। बेशक फिल्मों में वो विलन का किरदार निभाते रहे हों, लेकिन उनका सपना हमेशा से हीरो बनना था। हालांकि उनके माता पिता उन्हें डॉक्टर या आईएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे।
उन्होंने कपिल शर्मा शो में बताया कि किस तरह वो हीरो से विलन बन गए। प्रेम चोपड़ा ने कहा कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्मों में हीरो के तौर पर की थी। फिल्म का नाम था चौधरी करनाल सिंह, जिसे नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। उनकी इस फिल्म के बाद उन्होंने और भी फिल्मों में काम किया, लेकिन वो हिट नहीं हो पाईं।
प्रेम चोपड़ा ने हंसते हुए कहा कि हीरो की मिसाल दी जाती है कि इनकी पहली फिल्म तो जबरदस्त चली, दूसरी जबरदस्ती चलाई गई। प्रेम ने आगे बताया कि उस वक्त पंजाबी इंडस्ट्री में ज्यादा एक्पोजर नहीं था। जिसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। जहां उन्हें विलन का रोल मिला और उनके किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया।
महबूब ने दिया था विलन बनने का सुझाव: बताया जाता है कि जब बतौर हीरो प्रेम नहीं चल पाए तो महबूब ने उन्हें विलन का रोल निभाने के लिए कहा। ये सुझाव मिलने के बाद उन्होंने विलन के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई और धीरे-धीरे बॉलीवुड के खतरनाक विलन बनते चले गए।
बता दें कि प्रेम चोपड़ा का बचपन हिमाचल प्रदेश के शिमला में बीता है। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा शिमला में ही ली। जिसके बाद ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। जहां उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिंग का चस्का लगा और उन्होंने हीरो बनने का मन बना लिया। पढ़ाई पूरी होते ही वो मुंबई आए और लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री में आने के लिए स्ट्रगल किया।