होशियारपुर। नई दिल्ली। न्यूज़ डेस्क। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि केंद्र सरकार ने घटियाबगड से लिपुलेख तक की सीमा सड़क को पक्की करने के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है और जल्द ही श्रद्धालु कार से कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे।
पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव में एक धार्मिक पर्व के समापन समारोह में रविवार को उक्त घोषणा करते हुए भट्ट ने कहा कि पक्की सड़क बनने से न केवल रक्षाकर्मियों को सीमा चौकियों तक जल्द पहुंचने में मदद मिलेगी बल्कि इससे देश भर के पर्यटकों को इस अनूठी जगह पर पहुंचने और यहां की विशिष्ट संस्कृति और खानपान को जानने का मौका भी मिलेगा।
गुंजी, कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के रास्ते में आने वाला एक सीमावर्ती गांव है जो पिथौरागढ़ जिले के धारचूला सब डिवीजन में व्यास घाटी में 10,000 फीट की उंचाई पर स्थित है। भट्ट ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र सर्वाधिक पसंदीदा सीमावर्ती पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरेगा।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर सड़क नेटवर्क होने से स्थानीय लोगों को अपने गांवों में होमस्टे संचालित करने तथा अन्य पर्यटन संबंधित व्यापार करने में भी मदद मिलेगी।
अत्यंत कठिन भौगोलिक क्षेत्र में सीमा के पास सड़क नेटवर्क तैयार करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआरओ ने लद्दाख में 19,300 फीट की उंचाई पर उमलिंगला में सीमा सड़क का निर्माण किया है। 75 किलोमीटर लंबी घटियाबगड—लिपुलेख सड़क का पिछले साल मई में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया था।
यात्रा के लिए कौन है योग्य?:
भारतीय नागरिक होना चाहिए।
चालू वर्ष के एक सितंबर को न्यूनतम छह महीने के लिए वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए।
वर्तमान वर्ष की एक जनवरी को आयु न्यूनतम 18 और अधिकतम 70 वर्ष होनी चाहिए।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे कम रहना चाहिए।
यात्रा के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ और चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ हों।
विदेशी नागरिक आवेदन करने के पात्र नहीं हैं; इस प्रकार, ओसीआई कार्ड धारक पात्र नहीं हैं।